कोण्डागांव : करनपुर रीपा में मंजुला बैंकर दीदी बनकर लोगों को दे रही सेवाएं……

कोण्डागांव : करनपुर रीपा में मंजुला बैंकर दीदी बनकर लोगों को दे रही सेवाएं कोण्डागांव : कोण्डागांव जिला मुख्यालय से दूर 22 किलो मीटर दूर बसे करनपुर ग्राम में आस-पास किसी बैंक की शाखा न होने से गांववासियों को अपने प्रत्येक वित्तीय संव्यवहार हेतु जिला मुख्यालय की ओर रूख करना पड़ता था। बैंकों के दूर […]

कोण्डागांव : करनपुर रीपा में मंजुला बैंकर दीदी बनकर लोगों को दे रही सेवाएं……
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

कोण्डागांव : करनपुर रीपा में मंजुला बैंकर दीदी बनकर लोगों को दे रही सेवाएं

कोण्डागांव : कोण्डागांव जिला मुख्यालय से दूर 22 किलो मीटर दूर बसे करनपुर ग्राम में आस-पास किसी बैंक की शाखा न होने से गांववासियों को अपने प्रत्येक वित्तीय संव्यवहार हेतु जिला मुख्यालय की ओर रूख करना पड़ता था। बैंकों के दूर होने से कई ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं का लाभ लेने से कतराते थे।

कई लोगों ने तो आज तक बैंक खाते खोलने के विषय में भी नहीं सोचा। ऐसे में ग्रामीणों को वित्तीय लेन देन एवं बैंकिंग प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करने हेतु ग्राम में स्थापित किये गये महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) में बैंक करस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) के रूप में मंजुला कोर्राम की नियुक्ति की गयी।

इस संबंध में एनआरएलएम के बीपीएम रैनु नेताम ने बताया कि मंजुला कोर्राम द्वारा मुनगापदर में अपनी सेवाएं बीसी सखी के रूप में दी जा रही थी। परंतु करनपुर में आवश्यकता को देखते हुए यहां इंटरनेट की व्यवस्था प्रारंभ करते हुए मंजुला की नियुक्ति करनपुर रीपा में की गयी। मंजुला के कार्य करने से ग्रामीणों में वित्तीय संव्यवहार के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

ग्राम में लोगों के मध्य बैंकों के प्रति उत्साह बढ़ा है। लोग अब मंजुला के पास आकर वित्तीय संव्यवहार को समझने के साथ ऋण प्राप्ति, किसान क्रेडिट कार्ड के प्रयोग एवं अन्य जानकारियां प्राप्त करते है।

बीसी सखी मंजुला कोर्राम ने बताया कि पहले बैंकों के करनपुर से दूर होने से लोगों को लेन-देन और अन्य बैंकिंग कार्यों में असुविधा होती थी। अब वे इंटरनेट सुविधायुक्त रीपा में बनाये गये

बीसी सखी केन्द्र में आकर बैंकिंग कार्य किया करते है साथ ही लोगों को मेरे द्वारा अन्य जानकारियां भी प्रदान की जाती है। जिससे सभी बड़े खुश है अब उन्हें बैंक के कार्यों लिए जिला मुख्यालय तक जाने आने की जरूरत नहीं होती वे अपने ही गांव में बैंकिंग कार्य पूर्ण कर लेते है।