रायपुर : विशेष लेख : मां आंगनबाड़ी में, बिटिया आत्मानन्द स्कूल में

रायपुर : विशेष लेख : मां आंगनबाड़ी में, बिटिया आत्मानन्द स्कूल में OFFICE DESK : कल मदर्स डे मनाया गया। हर मां चाहती है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर एक अच्छे ओहदे पर काम करे, एक अच्छा नागरिक बने, समाज में उनका नाम हो, और उनको ऐसी सफलता मिले की वे अपने परिवार और खानदान का […]

रायपुर : विशेष लेख : मां आंगनबाड़ी में, बिटिया आत्मानन्द स्कूल में
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

रायपुर : विशेष लेख : मां आंगनबाड़ी में, बिटिया आत्मानन्द स्कूल में

OFFICE DESK : कल मदर्स डे मनाया गया। हर मां चाहती है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर एक अच्छे ओहदे पर काम करे, एक अच्छा नागरिक बने, समाज में उनका नाम हो, और उनको ऐसी सफलता मिले की वे अपने परिवार और खानदान का नाम रोशन करें।

मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। बचपन में ही पिता का साया सर से उठ गया। एक मां ही सब कुछ। बेटी पलक पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी रही। हाईस्कूल तक तो निजी स्कूल में पढाई का खर्च वहन हो सका। लेकिन जैसे ही 11 वीं में अध्ययन की बारी आईं, स्कूल फीस और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दोनों एक साथ कैसे मुहैया हो पायेगा, मन में सवाल और चिन्ता दोनों सता रही थी।

तभी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गयी। मां की चिंता दूर हुई। उन्होंने अपनी बेटी को कक्षा 11 वीं में प्रवेश दिलाया। निजी स्कूल में होने वाले फीस का खर्च और अन्य शुल्क के बोझ से राहत मिली। पलक अब स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय सिमगा में कक्षा 11 वीं में गणित विषय लेकर पढ़ने लगी।

आज भाटापारा के ग्राम कड़ार में पहुंची छात्रा कुमारी पलक ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष कक्षा बारहवीं की परीक्षा 81.4 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। अब वह किसी अच्छे महाविद्यालय में पढ़ना चाहती है। पलक ने बताया कि आत्मानन्द स्कूल में पढ़ने के कारण उनका सालाना लगभग 15 हजार रूपए के खर्च से राहत मिली। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ पढ़ाई भी निःशुल्क है।

पलक ने बताया कि मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और मैं आत्मानंद स्कूल की छात्रा हूं। पढ़ाई के महत्वपूर्ण वर्ष में मुझे सभी सुविधाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल हुई। जिसके कारण प्रथम श्रेणी अंकों के साथ उत्तीर्ण हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को  धन्यवाद दिया। पलक कहती हैं – आज मुझे उच्च शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अब मेरा किसी भी महाविद्यालय में आसानी से एडमिशन हो जाएगा। अब वह सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किसी अच्छे संकाय में उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती हैं और अपनी मां के सपनों को आकार देना चाहती हैं।