गरियाबंद : विशेष लेख : रीपा के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा रोजगार, आत्मनिर्भरता की हो रहीं अग्रसर

गरियाबंद : विशेष लेख : रीपा के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा रोजगार, आत्मनिर्भरता की हो रहीं अग्रसर गरियाबंद : छत्तीसगढ़ शासन की सराहनीय पहल से गांव की महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में अग्रसर हो रहीं है। राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी रुरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) प्रारंभ किया गया है। इस योजना से […]

गरियाबंद : विशेष लेख : रीपा के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा रोजगार, आत्मनिर्भरता की हो रहीं अग्रसर
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

गरियाबंद : विशेष लेख : रीपा के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा रोजगार, आत्मनिर्भरता की हो रहीं अग्रसर

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ शासन की सराहनीय पहल से गांव की महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में अग्रसर हो रहीं है। राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी रुरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) प्रारंभ किया गया है।

इस योजना से ग्रामीण महिला समूह को आर्थिक लाभ हो रहा है। गरियाबंद ज़िले के फ़िंगेश्वर ब्लॉक में ग्राम पंचायत श्यामनगर स्थित रीपा में सिलाई यूनिट की स्थापना की गई है। ग्राम पंचायत श्यामनगर में उक्त यूनिट स्थापना से लगभग 50 ग्रामीणों को रोज़गार मिला है।

साथ ही इस यूनिट के माध्यम से ही गाँव की महिलाओं के द्वारा महिला बाल विकास विभाग से आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए यूनिफार्म की सिलाई का कार्य भी किया जा रहा है। विभाग के द्वारा रीपा श्यामनगर को 14 हज़ार स्कूल यूनिफार्म सिलने का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही रीपा योजनांतर्गत समूह सदस्यों के द्वारा हथकरघा, अगरबत्ती निर्माण, धोबी कार्य किया जाना है।

उल्लेखनीय है कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं लघु उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) योजना प्रारंभ किया गया है। राज्य सरकार द्वारा छोटे-छोटे उद्योग धंधों के लिए रीपा में पानी, बिजली, जमीन जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। रीपा के माध्यम से गांव के लोगों को जरूरी वस्तुएं आस-पास उपलब्ध हो रही हैं,

जिसके कारण अब उन्हें दूर शहरों की ओर नहीं जाना पड़ता। उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता के कारण आसपास के शहर-गांवों से सप्लाई के आर्डर मिलने प्रारंभ हो गए हैं। व्यवसायिक गतिविधियों को रीपा के साथ जोड़कर संरक्षित करने के साथ ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी कार्य किया जा रहा है।

इससे स्थानीय स्तर पर वृहत गतिविधियां संचालित होने से लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी प्राप्त हो रहे है। वहीं पारंपरिक गतिविधियों के संचालन से ग्रामीणों के आय संवर्धन में भी महती भूमिका निभा रही है।