जमीन नामांतरण की फाइल गायब, तहसीलदार सहित 3 पर एफआईआर, इस मामले में हाईकोर्ट ने दिया आदेश

जमीन नामांतरण की फाइल गायब, तहसीलदार सहित 3 पर एफआईआर, इस मामले में हाईकोर्ट ने दिया आदेश
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

26 अक्टूबर 2024 बिलासपुर:- हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए बिलासपुर जिले के तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव, रिटायर रीडर एनके पांडे और जमीन खरीदार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।

विवाद 2013-14 में पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का है। तब इस जमीन का नामांतरण तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव के हस्ताक्षर से किया गया था। बाद में पेखन लाल शेंडे ने रजिस्ट्री और नामांतरण आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगते हुए 31 अगस्त 2024 को तहसील कार्यालय में आवेदन दिया।

दस्तावेज न मिलने पर शेंडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसके बाद कोर्ट ने तहसील को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया था। तहसील कार्यालय की ओर से समय सीमा के बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे परेशान होकर शेंडे ने अवमानना याचिका दायर की।

कोर्ट ने इसके जवाब में एसडीएम बिलासपुर पीयूष तिवारी, तहसीलदार अतुल वैष्णव और मुकेश देवांगन को नोटिस जारी किया। अधिकारियों ने दस्तावेज की खोज के लिए समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने 24 अक्टूबर तक का समय दिया था। बावजूद इसके, दस्तावेज नहीं मिलने पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की।

 करीब 15 दिनों तक दस्तावेजों की खोजबीन के बाद भी नामांतरण और रजिस्ट्री संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं मिल सका। तहसील अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि पूरे रिकॉर्ड गायब हैं, और रिटायर रीडर एनके पांडे की लापरवाही की शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि गुमशुदा दस्तावेजों के लिए केवल रीडर को दोषी ठहराना सही नहीं है। नामांतरण आदेश पर तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव (अब तहसीलदार) के हस्ताक्षर भी थे, जिससे उन्हें भी दोषी माना गया। कोर्ट ने तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार उरांव, रीडर पांडे और जमीन खरीदार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया।