अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, एनकाउंटर में मारा गया डेड करोड़ का इनामी कुख्यात नक्सली बसव राजू ,सहिंत 27 नक्सली डेर

अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, एनकाउंटर में मारा गया डेड करोड़ का इनामी कुख्यात नक्सली बसव राजू ,सहिंत 27  नक्सली डेर
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

21 मई 2025 नारायणपुर :- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच बुधवार को मुठभेड़ हो गई. जिसमें सुरक्षा बलों ने 30 नक्सलियों को मार गिराया है. इस बात की जानकारी गृह मंत्री विजय शर्मा ने खुद दी है. गृह मंत्री ने कहा कि 30 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है. मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं.

इस ऑपरेशन में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है. जबकि एक जवान घायल बताया जा रहा है. तलाशी अभियान अभी भी जारी है. इसलिए जब्त किए गए हथियारों के बारे में अभी जानकारी नहीं दी जा सकती. वहीं, सूत्रों ने भी दावा किया है कि अबूझमाड़ मुठभेड़ में अब तक कुल 30 नक्सली मारे जा चुके हैं. जिनमें शीर्ष नक्सली नेता नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसव राज भी शामिल है

नक्सल संगठन पर सुरक्षाबलों का सबसे घातक आघात।

(बसव राजू की मौत ) बसव राजू, जिनका असली नाम नंबाला केशव राव था, भारतीय माओवादी संगठन CPI (Maoist) के शीर्ष नेता थे। वे संगठन के केंद्रीय सैन्य आयोग के सचिव रहा और 2018 में पार्टी के महासचिव के रूप में पदोन्नत हुआ था, जब पुराने महासचिव गणपति ने खराब स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था। 

 बसव राजू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियानपेटा गांव में प्राप्त की थी। उन्होंने वॉरंगल के क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की। 1987 में, उन्होंने बस्तर के जंगलों में श्रीलंकाई लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के पूर्व सैनिकों से घातक हमलों और विस्फोटक सामग्री के उपयोग में प्रशिक्षण लिया था। 

बसव राजू ने 1970 के दशक में माओवादी आंदोलन में शामिल होकर अपनी सक्रियता शुरू की थी। वह CPI (Maoist) के केंद्रीय सैन्य आयोग के सचिव रहे और 2018 में पार्टी के महासचिव बने। उनके नेतृत्व में संगठन ने कई बड़े हमले किए, जिनमें 2010 में 75 CRPF जवानों की हत्या और 2013 में जीरम घाटी नरसंहार शामिल हैं। 

 आज 21 मई 2025 को, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगलों में सुरक्षा बलों ने 72 घंटे तक चले एक अभियान में बसव राजू सहित 27 माओवादी नेताओं को मार गिराया। उनकी हत्या पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। यह मुठभेड़ माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि बसव राजू संगठन के शीर्ष नेतृत्व में थे। 

 बसव राजू की मृत्यु से माओवादी संगठन के संचालन में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है, जिससे सुरक्षा बलों को क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को और प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।