अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, 9 माह के मासूम ने तोड़ा दमनारायणपुर से जगदलपुर किया रेफर,एंबुलेंस देने से किया मना, मौत के बाद शव को लेकर भटकी रही थी मां देखें विडियो
08 जनवरी 2024 नारायणपुर :- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाला सामने आया है। रविवार को जिला अस्पताल प्रबंधन ने 9 माह के मासूम बच्चे का बेहतर उपचार करने के लिए जगदलपुर तो रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस देने से मना कर दिया। इलाज के अभाव में कुछ देर बाद मासूम की मौत हो गई। जिसके शव को लेकर मां अस्पताल के गेट के बाहर घंटों बैठी रही।
गोद में मासूम के शव को लिए रोती-बिलखती रही। हालांकि, जब स्थानीय लोगों के माध्यम से तहसीलदार को इसकी जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे। फिर एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई गई। जिसके बाद आधी रात शव को गांव भेजा गया। इसमें करीब 8 से 9 घंटे का वक्त लग गया। मासूम के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मलेरिया से पीड़ित था मासूम
नारायणपुर जिले।के अंदरूनी इलाके बाहकेर के रहने वाले जयराम ने बताया कि, पिछले 3-4 दिनों से उसका 9 महीने का मासूम बच्चा बीमार था। जिसका नारायणपुर के छोटे डोंगर के अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने एंबुलेंस के माध्यम से शनिवार को जिला अस्पताल रेफर किया था। लेकिन जब जिला अस्पताल लाया गया तो यहां डॉक्टरों ने सही तरीके से इलाज नहीं किया।
बच्चे को लेकर बैठे रहे। लेकिन इलाज करने डॉक्टर आते उसका पेट छूकर फिर चले जाते थे। इसमें काफी वक्त लग रहा था। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे जगदलपुर रेफर कर दिया था। लेकिन एंबुलेंस देने से मना कर दिया। जयराम ने बताया कि जब अपनी पत्नी के साथ बच्चे को बाइक में बिठाकर जगदलपुर की बजाय मिशन अस्पताल ले जाना चाहा तब तक बच्चे ने अस्पताल के गेट के बाहर ही दम तोड़ दिया।
अफसर पहुंचे तब मिली एंबुलेंस
इसके बाद जब फिर से डॉक्टर से शव को घर ले जाने एंबुलेंस मांगा गया तब भी एंबुलेंस नहीं दिया गया। वहीं मासूम को अपने गोद में लेकर मां अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर बैठ रोती रही। कई घंटे बीतने के बाद जब अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने और स्थानियों ने इसकी जानकारी प्रशासन की टीम को दी तो मौके पर तहसीलदार पहुंचे। साथ हो कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। जिसके बाद एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई गई। फिर आधी रात ही शव को गांव भेजा गया।
डॉक्टर बोले- इलाज किया गया
अस्पताल के डॉक्टर आदित्य का कहना है कि बच्चा मलेरिया की बीमारी से जूझ रहा था। छोटे डोंगर से उसे रेफर किया गया था। स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए जगदलपुर अस्पताल रेफर किया जा रहा था। लेकिन परिजन मिशन अस्पताल ले जाने की जिद्द कर रहे थे। इलाज न करने वाली बात गलत है। डॉक्टरों ने इलाज किया है।