इस बार महंगी नहीं होगी प्‍याज! सरकार ने रेट पर लगाम लगाने के ल‍िए क‍िया यह इंतजाम

इस बार महंगी नहीं होगी प्‍याज! सरकार ने रेट पर लगाम लगाने के ल‍िए क‍िया यह इंतजाम
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

24 मई 2024 Onion Buffer Stock:- प‍िछले साल प्‍याज की कीमत के र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद सरकार की तरफ से इसके न‍िर्यात पर पाबंदी लगाई गई थी.इस साल प्‍याज की कीमतों को ध्‍यान में रखकर सरकार 1,00,000 टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए प्याज के रेड‍िएशन प्रोसेस‍िंग में तेजी लाने का प्‍लान कर रही है.

सरकार की तरफ से यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि प्याज की कमी और उसके दाम में क‍िसी भी प्रकार के उछाल को रोका जा सके. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत, दुनिया का सबसे बड़ा प्याज निर्यातक देश है

महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम पैदावार के चलते उत्पादन में 16 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकी है.

इसी कमी को पूरा करने के लिए सरकार रेड‍िएशन प्रोसेस‍िंग पर फोकस कर रही है. प्याज का उत्पादन दो करोड़ 54.7 लाख टन रहने की उम्मीद है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव निधि खरे ने कहा कि जमाखोरी को कम करने और अक्सर सप्‍लाई में व्यवधान से उत्‍पन्‍न होने वाली कीमत में अस्थिरता को रोकने के लिए सरकार प्याज की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर रेड‍िएशन टेक्‍न‍िक पर का उपयोग करने की योजना बना रही है.Onion Buffer Stock

बफर स्टॉक के लिए 5,00,000 टन प्याज खरीदने का प्‍लान

खरे ने बताया, ‘हम उपभोग क्षेत्रों के आसपास 50 विकिरण केंद्रों की पहचान कर रहे हैं. अगर हम कामयाब‍ होते हैं तो इस साल एक लाख टन तक रेड‍िएशन प्रोसेस्‍ड प्याज का स्‍टॉक कर पाएंगे.’

मंत्रालय ने सरकारी एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ से, जो इस साल बफर स्टॉक बनाने के लिए 5,00,000 टन प्याज खरीद रहे हैं. सोनीपत, ठाणे, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख खपत केंद्रों के आसपास रेड‍िएशन सुविधाओं के बारे में जानकारी करने के ल‍िए कहा है. पिछले साल महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्र के पास 1,200 टन के छोटे पैमाने पर रेड‍िएशन प्रोसेस‍िंग की कोशिश की गई थी. Onion Buffer Stock

खरे ने कहा कि बफर स्टॉक के तेजी से परिवहन की सुविधा के लिए मंत्रालय प्रमुख रेल केंद्रों पर नियंत्रित वातावरण भंडारण सुविधाएं फ‍िक्‍स करने के बारे में भी सोच रहा है.

उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि बफर स्टॉक को देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने के लिए मंत्रालय प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर विशेष भंडारण गृह (कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोरेज) तैयार करने पर भी विचार कर रहा है.