बलरामपुर : प्रभा बनी मजदूर से उद्यमी…..

बलरामपुर : प्रभा बनी मजदूर से उद्यमी OFFICE DESK : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गावों में निर्मित गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एक नई पहचान मिल रही है। शासन के द्वारा गौठानों को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर […]

बलरामपुर : प्रभा बनी मजदूर से उद्यमी…..
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

बलरामपुर : प्रभा बनी मजदूर से उद्यमी

OFFICE DESK : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गावों में निर्मित गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एक नई पहचान मिल रही है।

शासन के द्वारा गौठानों को महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर विभिन्न प्रकार की रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है।

रूरल इंस्ट्रियल पार्क (रीपा) के बनने से कई सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कभी दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाली महिलाएं अब अपने गावं में हीं गौठानों और रीपा के माध्यम से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रही हैं।

विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम पंचायत पुटसुरा के गौठान को देखें तो इसे महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया गया है। जहां पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा दोना-पत्तल का निर्माण किया जा रहा है। यहां महिलाएं दोना-पत्तल निर्माण कर लगभग 01 लाख 60 हजार रूपये की आय प्राप्त किए हैं,

जिसमें उन्हें लगभग 24 हजार रूपये का लाभ प्राप्त हुआ है। दोना पत्तल निर्माण करने वाली मां कुदरगढ़ी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य प्रभा देवी ने बताया कि समूह से जुड़ने से पूर्व वह आजीविका के लिए अपने पति के साथ कृषि व मजदूरी का कार्य करती थी, तथा कड़ी मेहनत करने के बाद भी उन्हें बहुत कमे आय प्राप्त हो पाती थी। जिससे उनको घर का खर्च बच्चों की पढ़ाई कराने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

उन्होंने कहा कि उनका सपना था की एक अपना उद्यम हो, जिससे वे अपने पति का घर चलाने में हाथ बटा सके, तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सके। मां कुदरगढ़ी स्व-सहायता समूह की सदस्य बनने तथा पुटसुरा गौठान को शासन द्वारा महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में विकसित करने से उन्हें रोजगार का एक मौका मिला।

रीपा के अंतर्गत जिला प्रशासन से प्रशिक्षण, सुविधायुक्त भवन, मशीने व वित्तीय सहायता प्राप्त होने से उन्होंने दोना-पत्तल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि लाभ की राशि से घर खर्च, बच्चों की अच्छी शिक्षा पर उपयोग किया। श्रीमती प्रभा देवी ने कहा

कि अभी उनके उत्पादों की बिक्री जनपद व जिले स्तर में हो रही है, लेकिन आने वाले दिनों में पड़ोसी जिलों में भी अपने उत्पादों की सप्लाई करने की योजना बनाई है। साथ ही वह अपने आप को आत्मनिर्भर व सशक्त महसूस कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि शासन की रीपा योजना महिलाओं के लिए अत्यंत ही लाभदायक है।