दंतेवाड़ा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर पैसे वसूली का आरोप, बंधा है सालाना पैकेज

दंतेवाड़ा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर पैसे वसूली का आरोप, बंधा है सालाना पैकेज
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

23 जनवरी 2024 दंतेवाडा :- दंतेवाड़ा जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर व्यापारियों से सालाना पैसे वसूली करने का आरोप लगा है। जिले की किराना दुकानों, होटल और ढाबों से सालाना लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं। जिसने पैसे नहीं दिए तो उनकी दुकानों पर छापा मारते हैं और जिसने दे दिए तो उनकी बल्ले-बल्ले होती है, यानी उनकी दुकान, होटल, ढाबा की चेकिंग नहीं होती है। हालांकि, अफसर ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को गलत ठहराया है। 

दरअसल, दंतेवाड़ा और गीदम के व्यापारियों ने कैमरे के सामने इस मामले का खुलासा किया है। व्यापारियों ने नाम न लिखने और चेहरा न दिखाने की शर्त पर बताया है कि, दंतेवाड़ा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुष्मित देवांगन व्यापारियों से पैसे वसूली करते हैं। छोटी किराना दुकानों से लगभग 10 से 15 हजार रुपए और बड़ी किराना दुकानों से 20 से 25 हजार रुपए का सालाना पैकेज बंधा है। 

इसी तरह से जिले के ढाबा और होटलों से भी सालाना वसूली की जाती है। किराना दुकान की ही तरह छोटे ढाबा और रेस्तरां से 20 से 25 हजार रुपए और बड़े ढाबा और होटल-रेस्तरां से 30 से 35 हजार रुपए वसूले जाते हैं। साथ ही अफसर की तरफ से गारंटी दी जाती है कि उनके यहां चेकिंग करने के लिए कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं जाएगा। इनमें से यदि किसी ने पैसे नहीं दिए या फिर बार्गनिंग की तो उनकी होटल और रेस्तरां को रडार पर रखा जाता है और छापामार कार्रवाई की जाती है। 

ऐसे पहुंचता है पैसा

सूत्रों ने बताया कि, अधिकारी ने जिले के गीदम, दंतेवाड़ा समेत अन्य शहरों में व्यपारियों के बीच के ही एक व्यापारी को सेट कर रखा है। जो व्यापारी सेट है वह बाकी व्यापारियों से पैसे लेता है। पैसे वसूली करने के बाद इस रकम को दिवाली या फिर किसी भी अन्य त्योहारी सीजन के समय खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुष्मित देवांगन को देता है। सूत्रों ने बताया कि, एक-एक शहर से लाखों रुपए वसूल करते हैं। 

छुटपुट कार्रवाई करते हैं अफसर

सालभर में किसी भी त्योहार के वक्त खाद्य विभाग की टीम खाद्य पदार्थों की जांच करने के लिए निकलती है। कुछ चुनिंदा व्यापारियों की दुकान और होटलों में जकार जांच की जाती है। उनपर छुटपुट कार्रवाई कर कोटा पूरा किया जाता है। इसके अलावा जो ढाबा या फिर होटल किसी भी नेता की हो और यदि किसी व्यापारी के पीछे नेताओं का हाथ हो तो ऐसे होटलों और दुकानों में अफसर नहीं जाते हैं।

जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पैसे लेकर सेट होने का सीधा नुकसान आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता को होता है। अधिकारी के सेट होने से मार्केट में गुणवत्ताहीन खाद्य पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। कई दुकानों में एक्पायरी डेट के सामान भी बीक रहे हैं। जिसका प्रूफ भी सूत्रों ने उपलब्ध करवाया है। मिठाइयों में भी डुप्लीकेट खोआ, कैमिकल पाउडर का उपयोग किया जा रहा है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। अफसरों के सेट होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा

सवाल- आप पर व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि, आप उनसे सालाना पैसे वसूलते हैं। पैकेज बंधा है। इस बात में कितनी सच्चाई है?

जवाब- नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ये आरोप गलत हैं। 

सवाल- व्यापारियों के बीच के ही किसी एक व्यापारी को आप ने सेट कर रखा है। क्या वही व्यापारी सभी से पैसे वसूलता है और आप को देता है? 

जवाब - ये आरोप भी सरासर गलत है। मैं किसी से पैसे नहीं लेता हूं। कोई व्यापारी सेट नहीं है।