नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्ममंत्री से मिला लघुवनोपज प्रबंधक, संघ ने कहा- मांग नहीं हुई पूरी तो 6 फरवरी से जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, 60 लाख लोगों को होगा नुकसान
28 जनवरी 2024 जगदलपुर :- नियमितीकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ लघुवनोपजक संघ एक बार फिर से लामबंद हुआ है। राजधानी रायपुर में प्रदेशभर के प्रबंधक जुटे। वहीं अपनी मांग को लेकर संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की है। सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि, यदि 5 फरवरी तक मांग पूरी नहीं की जाती है तो प्रदेशभर के प्रबंधक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसका सीधा नुकसान राज्य के 14 लाख परिवार के 60 लाख लोगों को होगा।
लघुवनोपज संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामाधर लहरे ने कहा कि, साल 2016 में प्रबंधकों के लिए सेवा नियम भी लागू किया गया था, जिसमें साफ लिखा है कि 1 साल की परिक्षावधि के बाद प्रबंधक नियमित माने जाएंगे। फिर भी इसपर कोई फैसला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रबंधक पिछले 36 सालों से राज्य के 14 लाख लघुवनोपज संगठनकर्ता परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं।
जिनमें मुख्य रूप से तेंदूपत्ता संग्रहण, भुगतान, बोनस का वितरण, 14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 65 प्रकार के लघुवनोपज का न्यूनतम संग्रहण दर में संग्रहण शामिल है। प्रबंधकों की महेनत के कारण छत्तीसगढ़ लघुवनोपज संग्रहण में राज्य की पोजिशन पूरे देश मे नंबर एक पर है। लेकिन, सरकार और अधिकारियों ने पिछले 36 सालों से प्रबंधकों का सिर्फ शोषण किया है, छला है।
60 लाख लोगों को होगा नुकसान
प्रबंधकों के हड़ताल पर जाने से लघुवनोपज संग्रहण के 14 लाख परिवार के 60 लाख लोगों को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। 14 लाख परिवारों के बीमा प्रकरण, बोनस भुगतान सबंधी अनेक योजनाएं जो सीधे आम जनता से जुड़ी है पूर्ण रूप से प्रभावित होंगी। जिसका प्रभाव आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।
राज्य को दिलाए 13 राष्ट्रीय अवार्ड
प्रबंधकों का कहना है कि, कड़ी महेनत के चलते ही पिछले कुछ साल में छत्तीसगढ़ को 13 राष्ट्रीय अवार्ड दिलाए हैं। न्यून्तम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत वनोपजों के संग्रहण एवं विपणन के लिए राज्य शासन को यह अवार्ड मिले हैं।