नगरनार स्टील प्लांट में रिश्वतखोरी, NMDC, मेकॉन के 8 अफसर फंसे, BJP को 586 करोड़ का चुनावी चंदा देने वाली कंपनी पर CBI ने की FIR..देखें क्या है पुरा मामला...

नगरनार स्टील प्लांट में रिश्वतखोरी, NMDC, मेकॉन के 8 अफसर फंसे, BJP को 586 करोड़ का चुनावी चंदा देने वाली कंपनी पर CBI ने की FIR..देखें क्या है  पुरा मामला...
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

14 अप्रैल 2024  जगदलपुर, रायपुर :- इलेक्टोरल बांड के टॉप खरीददारों में शामिल हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया  गया है। 

इस्पात मंत्रालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस्पात मंत्रालय के अधीन आने वाली कंपनी के अधिकारियों पर रिश्वत लेने की गाज गिर गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने घूसकांड के आरोप में NMDC, Mecon के Dy.Manager, Senior Manager, AGM, DGM, GM, CGM, Executive Director इत्यादि के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है।

जगदलपुर स्थित एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट में रिश्वतखोरी की शिकायत Chhattisgarh ACB/CBI से की गई थी। इस पर एक्शन लेते हुए आरोपिओं पर गाज गिर गई है।

बताया जा रहा है कि मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेने का आरोप है। एफआईआर के अनुसार, प्लांट में इंटेक वेल और पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन के काम से संबंधित कथित रिश्वतखोरी की गई।

सीबीआई ने एनआईएसपी और एनएमडीसी लिमिटेड के आठ अधिकारियों को आरोपित बनाया है। इनमें सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक प्रशांत दाश, निदेशक ओपी (उत्पादन) डीके मोहंती, डीजीएम पीके भुइयां, डीएम नरेश बाबू, वरिष्ठ प्रबंधक सुब्रो बनर्जी, सीजीएम (फाइनेंस) एल. कृष्ण मोहन, जीएम (फाइनेंस) के राज शेखर और मैनेजर (फाइनेंस) सोमनाथ घोष शामिल हैं।

एजेंसी ने मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारियों-एजीएम (अनुबंध)संजीव सहाय और डीजीएम अनुबंध) के इलावरसु को भी रडार पर लिया है।

आरोप लगाया गया था कि एनआईएसपी/एनएमडीसी के आठ अधिकारियों और मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारियों को एमएनडीसी द्वारा मेघा इंजीनियर को भुगतान के बदले रिश्वत दी गई।

बीजेपी संग इन पार्टियों को दिया इतना चंदा 

चुनाव आयोग द्वारा पिछले महीने जारी आंकड़ों के अनुसार, मेघा इंजीनियरिंग 900 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार के रूप में उभरी थी और उसने भाजपा को लगभग 586 करोड़ रुपये की सबसे अधिक राशि का दान दिया था।

कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया था। आंकड़ों से पता चलता है कि टीडीपी को कंपनी से लगभग 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ का चंदा दिया था।