भारत बंद का बस्तर मे दिखा असर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध मे हजारों की संख्या मे आदिवासी समाज ने निकाली रैली
21 अगस्त 2024 जगदलपुर :- सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति यानी एससी और एसटी में उपवर्ग बनाने का अधिकार राज्यों को दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने की बात भी कही है. कोर्ट के इस फैसले पर बस्तर के समस्त मूल निवासी समाज विरोध में है. कोर्ट के इस फैसले को लेकर 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है.
बस्तर :बस्तर में भारत बंद का बड़ा असर देखने को मिल रहा है सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक बस्तर बंद रहेगा. बंद को सफल बनाने के लिए सुबह से ही ST, SC और OBC वर्ग के लोग सड़कों पर निकले हैं. समाज के लोग दुकानों को बंद कराते दिख रहे हैं. इसके अलावा गाड़ियों को भी रोका जा रहा है. बंद के दौरान संभागीय मुख्यालय बस्तर में एक विशाल आक्रोश रैली निकाली गई.बस्तर बंद का जायजा ईटीवी भारत ने नेशनल हाइवे में लिया.
जगदलपुर से 15 किलोमीटर दूर केशलूर दो नेशनल हाईवे से जुड़ा है. नेशनल हाइवे 30 जो ओड़िसा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना को जोड़ता है. वहीं नेशनल हाइवे 63 महाराष्ट्र को जोड़ता है. केशलूर चौक में बड़ी संख्या में बस्तर के मूल निवासी सुबह से मौजूद थे. कुछ देर जाम की स्थित भी बनी थी. इसके बाद चारपहिया निजी वाहन और मोटरसाकिल के अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी वाहनों को छोड़ा जा रहा है.
वहीं सड़क के दोनों तरह बसें और ट्रकों की लंबी कतार लग गई है. बस्तर बंद को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात जगह जगह किया गया है.क्या है युवाओं का कहना? :युवाओं के मुताबिक वे अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसलिए बस्तर बंद किए हैं.
भीमराव अंबेडकर के संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके अलावा संविधान संशोधन करने और सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश को वापस लेने की मांग भी युवाओं ने की है. बस्तर बंद के दौरान यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि सभी दुकाने बंद हैं. इसलिए घरेलू सामान समेत रोजमर्रा की चीजें नहीं मिलने से लोग परेशान हैं.