राज्यपाल के अभिभाषण में 3100 रुपये देने का उल्लेख न होना किसानों से छल : जैन भाजपा ने स्वयं को फिर साबित किया जुमलेबाजों की पार्टी
06 फरवरी 2024 जगदलपुर :- पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि 05 फरवरी को विधानसभा में पठित राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों को प्रति क्विंटल धान की कीमत 3100 रुपये देने का उल्लेख न करना प्रदेश के लाखों किसानों के साथ छल है। राज्यपाल का अभिभाषण सरकारी दस्तावेज व राज्य सरकार के द्वारा किए जाने वाले कार्य का संकल्प होता है।
पूर्व विधायक जैन ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले तक भाजपा नेता कर्ज माफी, धान खरीदी आदि घोषणाओं के माध्यम से किसान हितैषी होने का जो स्वांग रच रहे थे उसकी कलई खुलने लगी है। हवा में नित्य ही समृद्ध किसान- संपन्न प्रदेश, भाजपा ने बनाया है भाजपा ही संवारेगी जैसे जुमले बिखेरे जा रहे थे।
कदम- कदम पर वादाखिलाफी कर भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि वह जुमलेबाजों की ही पार्टी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने मात्र से लोगों के जीवन में सुशासन नहीं आ जाएगा। चुनाव के पहले विभिन्न गारंटियों का जो ढिंढोरा पीटा गया था, उन पर अमल करने की जवाबदेही राज्य की भाजपा सरकार पर है।
भाजपा के फरेब व धोखे से जनता का एतबार उठ रहा है। मोदी की गारंटी भी किसी काम की नजर नहीं आ रही है। जनता जान गई है कि यह उनके वोट पाने का जरिया मात्र थीं। राज्यपाल के अभिभाषण में 3100 रुपये में प्रति क्विंटल धान की खरीदी करने का उल्लेख न किया जाना स्पष्ट करता है कि राज्य की भाजपा सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।
भाजपा सरकार ने अपने चिर- परिचित अंदाज में फिर से एक बार पलटी मारी है। छत्तीसगढ़ के अन्नदाता किसान प्रति क्विंटल धान की कीमत 3100 रुपये न मिलने से बेहद दुखी व निराश- नाराज हैं। वर्तमान में 3100 रुपये तो दूर भाजपा सरकार कांग्रेस शासन की तरह 2640 रुपये का भुगतान भी नहीं कर रही है।
आज भी प्रदेश के किसानों से 2183 रुपये क्विंटल में धान की खरीदी कर उसका भुगतान किया जा रहा है। भाजपा के धोखेबाजी का आलम यह है कि गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, महिलाओं, युवाओं, बेरोजगारों, ग्रामीणों आदि से पार्टी द्वारा किए जा रहे छल से नाराज भाजपा नेता समाज के इन वर्गों से आंख भी नहीं मिला पा रहे हैं।
योजना के नाम पर महिलाओं को छला
भाजपा के छल का ताजा उदाहरण महतारी वन्दन योजना है जिसमें सभी महिलाओं को वार्षिक सहायता राशि देने का वादा किया गया था। बाद में मोदी की गारंटी के नाम पर कुछ और कहा गया तथा अब गाइडलाइन में पात्रता- अपात्रता की अनेक शर्तें जोड़कर योजना की धज्जी उड़ा दी गई है।
इस योजना के वर्तमान स्वरूप से भाजपा की कलई तो खुली ही है, महिलाएं इसे स्वयं के साथ भाजपा के विश्वासघात के रूप में भी देख रही है। जैन के अनुसार डबल इंजन की सरकार होने का कोई फायदा अब तक नहीं दिखा है। इसका खमियाजा भुगतने के लिए भी भाजपा अब तैयार रहे। जनता अब भाजपा और इसके नेतृत्व को जान- पहचान चुकी है। वैसे भी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।