धमेला और कुदाल चलाने वाली मजदूर की बेटी बनेगी डॉक्टर…..
धमेला और कुदाल चलाने वाली मजदूर की बेटी बनेगी डॉक्टर….. रायपुर : हर बड़े से बड़े काम की सफलता की शुरुआत एक छोटी कोशिश से होती है। छत्तीसगढ़ के मजदूर की बेटियों ने आज इस वाक्य को चरितार्थ किया है। धमेला और कुदाल चलाने वाली मजदूर मां की बेटियां आज इतिहास रच रही हैं, अब अल्का […]
धमेला और कुदाल चलाने वाली मजदूर की बेटी बनेगी डॉक्टर…..
रायपुर : हर बड़े से बड़े काम की सफलता की शुरुआत एक छोटी कोशिश से होती है। छत्तीसगढ़ के मजदूर की बेटियों ने आज इस वाक्य को चरितार्थ किया है।
धमेला और कुदाल चलाने वाली मजदूर मां की बेटियां आज इतिहास रच रही हैं, अब अल्का डॉक्टर बनने वाली है। यह कहानी है कांकेर के ग्राम बागोडार की रहने वाली मजदूर श्रीमती कलाबाई मरकाम की बेटी अल्का मरकाम की।
कलाबाई बताती है कि वह रेजा के रूप में कार्य करती है और उनके पति कृषि कार्य करते है। बेटी अल्का ने गांव में ही अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद नीट की परीक्षा पास कर आज स्वर्गीय बलीराम कश्यप मेमोरियल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जगदलपुर से एमबीबीएस कर रही हैं।
अभी वह चतुर्थ वर्ष में है। कलाबाई खुशी से आगे बताती है कि मेरी पुत्री को छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल से मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है जिससे उसको अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने में बड़ी मदद मिली है।
अल्का को 1 मई को राजधानी रायपुर में आयोजित श्रम सम्मेलन में सम्मानित भी किया गया। श्रीमती कलाबाई ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे लाखों युवाओं के सपने पूरे हो पा रहे है।