सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु योजना से हुआ नन्हे बालक वेद के हर्निया का सफल ऑपरेशन…..

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु योजना से हुआ नन्हे बालक वेद के हर्निया का सफल ऑपरेशन OFFICE DESK : जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 7 चिरायु टीमों के द्वारा लगातार भ्रमण कर आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है, इसमें चिन्हांकित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है। चिरायु टीम को सारंगढ़ तहसील के ग्राम अमझर […]

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु योजना से हुआ नन्हे बालक वेद के हर्निया का सफल ऑपरेशन…..
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु योजना से हुआ नन्हे बालक वेद के हर्निया का सफल ऑपरेशन

OFFICE DESK : जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 7 चिरायु टीमों के द्वारा लगातार भ्रमण कर आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है, इसमें चिन्हांकित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है।

चिरायु टीम को सारंगढ़ तहसील के ग्राम अमझर में 1 वर्ष के बच्चे वेद प्रकाश, जो कि हर्निया से पीड़ित मिला। हर्निया की वजह से, रोने या पेट पर ज़ोर देने के दौरान ऊसन्धि (पेट और जांघ के बीच का भाग) या अंडकोश की थैली में सूजन या उभार दिखाई देती है।

बच्चों को नहलाते समय, यह संयोग से देखा जा सकता है और जब बच्चा आराम कर रहा हो, तो यह उभार कम हो सकता है या फिर हो सकता है कि दिखे ही न। यह सूजन आमतौर पर स्थाई नहीं होता है और इससे बच्चे को कोई दिक्कत भी नहीं होती है।

हर्निया बच्चों में होने वाली सबसे आम सर्जिकल समस्या है। यह 1-4 बच्चों में होती है। इंग्वाईनल हर्निया के लगभग 80-90 मामले लड़कों में दिखाई देते हैं।

यह ज़्यादातर दाहिनी ओर होते हैं, लेकिन लगभग 10 प्रतिशत मामलों में, यह दोनों तरफ होते हैं। समय से पहले पैदा होने वाले शिशुओं में हर्निया की समस्या ज़्यादा होती है। ज़्यादातर बच्चों में जन्म के दो साल के अंदर ही हर्निया दिखाई देता है, लेकिन बाद के सालों में भी हर्निया दिखाई दे सकता है।

चिरायु टीम सारंगढ़ द्वारा 22 मई 2023 को चिन्हांकन के पश्चात तत्काल डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रायपुर रिफर कर 24 मई 2023 को भर्ती कराया गया।

समस्त प्रकार के जांच के बाद अगले ही दिन ऑपरेशन की प्रक्रिया पूर्ण की गई। बच्चा अभी बिलकुल स्वस्थ है। 2 दिनों तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। यदि यहीं ऑपरेशन, निजी खर्च में होता तो लाख से अधिक रुपए खर्च हो जाते,

लेकिन आयुष्मान भारत के तहत चिरायु योजना से यह पूर्णतः निःशुल्क ऑपरेशन हुआ है। बच्चे का हीमोग्लोबिन स्तर 9 ग्राम था अतः ऑपरेशन के पहले 300 मि.ली. रक्त भी उपलब्ध कराया गया। इस कार्य में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ़ आर निराला, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एन एल इजरदार व जिला नोडल अधिकारी (चिरायु) डॉ प्रभुदयाल खरे का मार्गदर्शन रहा है।

साथ ही चिरायु टीम के डॉ बद्री विशाल, डॉ बबिता, डॉ नम्रता, डॉ प्रभा, हिंगलेश्वरी, योगेश चन्द्रम, मोंगरा का सहयोग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आर एच ओ कृष्णा पटेल और पुरुषोत्तम साहू  का अथक प्रयास रहा है।

नन्हें बालक वेद के माता-पिता ने चिरायु टीम की इस त्वरित कार्य और सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है। कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्धीकी के दिशा निर्देश में चिरायु टीम लगातार कार्य कर रही है।