क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक ने बताया, अमित जोश ग्लोब चौक भिलाई में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी है. वह कई महीनों से फरार था. पुलिस को उसके भिलाई आने की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की घेराबंदी की.
जयंती स्टेडियम के पीछे जब सिपाहियों ने अमित को घेरा तो उसने दो सिपाहियों पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद अतिरिक्त बल बुलाकर आरोपी की घेराबंदी करते हुए जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान आरोपी अमित ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से उसकी मौत हो गई. फायरिंग के दौरान क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक की गाड़ी में गोली लगी है.
अमित जोश के खिलाफ दर्ज हैं 35 मामले : एसपी
दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश के खिलाफ 35-36 मामले दर्ज हैं. इनमें से 5-6 मामले तो हत्या के प्रयास के हैं. पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उसने पुलिस पर गोली चला दी. इसके बाद पुलिस कार्रवाई में उसकी मौत हो गई.
जानिए गोलीकांड की पूरी कहानी
चार महीने पहले भिलाई में बाइक सवार तीन युवकों पर अमित जोश गैंग ने ग्लोब चौक के पास फायरिंग की थी, जिससे एक घायल हो गया था. पुलिस ने गैंग के 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी अमित जोश फरार चल रहा था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी.
विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह वहीं के रहने वाले अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने आया था. दोस्त के आने की खुशी में तीनों ने देर रात तक पार्टी की. इसके बाद बाइक लेकर टाउनशिप की तरफ घूमने निकले थे. वो लोग बाइक में बैठकर शोर मचाते हुए गाली देते हुए निकल रहे थे. इसी दौरान अमित जोश और उसके तीन साथी बाइक से निकले. उन्होंने ग्लोब चौक के आगे रमनदीप की बाइक को रोककर उसके आगे अपनी बाइक लगा दी. इससे पीछे बैठे सुनील और आदित्य काफी घबरा गए. अमित जोश उन लोगों को गाली देने लगा कि तुम लोग उन्हें गाली दे रहे थे. इस पर सुनील और आदित्य ने कहा कि वो आपको गाली नहीं दे रहे थे आपस में बात कर रहे थे. इस दौरान अमित जोश ने उन लोगों को गाली दी तो उन्होंने इसका विरोध किया. इससे अमित और उसके साथी इतने गुस्से में आ गए कि अमित जोश ने पिस्टल निकलकर उस पर फायर कर दी. इससे रमनदीप वहां से भागने लगा.
अमित ने तीन राउंड गोली चलाई. इसमें एक गोली आदित्य के फेफड़े के नीचे लगी और दूसरी सुनील के पेट में. जब अमित और उसके साथी गोली चलाकर चले गए तो रमनदीप दौड़कर आया. उसने दोनों को बाइक में लहूलुहान हालत में चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिल ले गया. वहां डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद उन दोनों को शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी की दोनों को मेकाहारा रायपुर ले जाओ. रमन ने इस दौरान अपने दोस्त विवेक साहू और अन्य को फोन करके बुला लिया. उन लोगों ने एंबुलेंस की और घायलों को मेकाहारा अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया था.
दो आरोपी गिरफ्तार, दो चल रहे थे फरार
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों अंकुर शर्मा और यशवंत नायडू को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मुख्य आरोपी अमित जोश और उसका एक साथी डॉगी फरार है, पुलिस उनकी तलाश कर रही थी. अमित जोश और उसके साथ गोलीकांड में शामिल तीन अन्य आरोपी भिलाई नगर एरिया में सक्रिय थे. इनका मूल काम बीएसपी क्वार्टर में कब्जा करके उन्हें किराया पर चढ़ाना था. इससे ये लोग काफी अच्छी कमाई कर लेते थे.