Crime : एटीएम में पट्टी फसाकर की चोरी, जेल में रहकर दोस्तों से सीखी कला, पढ़ें पूरी खबर

Crime : एटीएम में पट्टी फसाकर की चोरी, जेल में रहकर दोस्तों से सीखी कला, पढ़ें पूरी खबर
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR
23 जुलाई 2024 बिलासपुर:- तारबाहर पुलिस ने एटीएम में पट्टी फसाकर पैसे चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बहादुर चौकीदार ने एटीएम मशीन में पैसे निकालने वाले सटर को स्क्रूड्राईवर से खोलकर उसमें पट्टी लगाई, जिससे पैसे फंस जाते थे और बाद में पैसे को निकाल लेता था। आरोपी के कब्जे से नगद 33,000 रुपये, स्क्रूड्राईवर और पट्टी जप्त की गई है।
 
कैसे हुआ खुलासा
21 जुलाई 2024 को सुबह 9 बजे, ट्रांजेक्शन सोल्युशन इंटरनेशनल प्रा.लि. कंपनी के सुपरवाइजर ने थाना आकर सूचना दी कि व्यापार विहार स्थित एटीएम मशीन में पैसा नहीं निकल रहा है। जांच करने पर एटीएम के सटर डैमेज पाया गया। सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति एटीएम के सटर बॉक्स में स्क्रूड्राईवर से सटर उठाकर पट्टी लगाते हुए देखा गया। सत्यम चैक लिंक रोड एटीएम और गोल बाजार एटीएम में भी इसी प्रकार की समस्या पाई गई।
 
 आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी की पहचान की और प्रार्थी को साथ लेकर पतासाजी की। आरोपी बहादुर चौकीदार को रेलवे स्टेशन बिलासपुर में ट्रेन का इंतजार करते समय हिरासत में लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 2015 से अपने दोस्तों के साथ राजस्थान में एटीएम मशीन तोड़ने का काम करता था। पकड़े जाने पर तीन साल जेल में रहा और जेल से निकलने के बाद फिर से एटीएम तोड़कर पैसे चोरी करने का काम करने लगा।
 
आरोपी का अपराधी जीवन
2020 में पकड़े जाने पर एक साल जेल में रहा। जेल में रहने के दौरान एक साथी से पट्टी फंसाकर एटीएम से पैसा निकालने का तरीका सीखा। तब से अकेले किसी अंजान शहर में जाकर घटना को अंजाम देने लगा। बिलासपुर में पहली बार आया था और यहां व्यापार विहार एटीएम, लिंक रोड सत्यम चैक एटीएम और गोल बाजार एटीएम से कुल 40,500 रुपये निकालने की बात कबूल की। कुछ पैसे एटीएम में ही फंस गए और कुछ खर्च कर दिए। आरोपी से 33,000 रुपये नगद, स्क्रूड्राईवर और दो पट्टी जप्त की गई हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
 
वारदात का तरीका
आरोपी ऐसे शहरों का चयन करता था जहां रात में ट्रेन सफर करके सुबह पहुंच जाए, ताकि होटल या लाज में रुकने की जरूरत न पड़े और पहचान न बतानी पड़े। वारदात करने के बाद तुरंत शहर छोड़कर ट्रेन से भाग जाता था।