विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मनाने काछन देवी ने दिया अनुमति काछनगुड़ी में आशीर्वाद लेने हजारों की संख्या में जुटी भीड़...

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मनाने काछन देवी ने दिया अनुमति काछनगुड़ी में आशीर्वाद लेने हजारों की संख्या में जुटी भीड़...
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

03 अक्टूबर 2024 जगदलपुर बस्तर :- अपनी अनोखी व आकर्षक परंपराओ के लिये विश्व में प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का आरंभ आज रात देवी की अनुमति के बाद हो गया है. दशहरा पर्व आरंभ करने की अनुमति लेने की यह परम्परा भी अपने आप में अनुठी है. काछन गादी नामक इस रस्म में एक नाबालिग कुंवारी कन्या पीहू कांटो के झूले पर लेटकर पर्व आरंभ करने की अनुमति देती है. करीब 700 सालों से चली आ रही इस परंपरा की मान्यता अनुसार कांटो के झूले पर लेटी कन्या के अंदर साक्षात् देवी आकर पर्व आरंभ करने की अनुमति देती है.....

बस्तर का महापर्व दशहरा बिना किसी बाधा के संपन्न हो इस मन्नत और आशीर्वाद के लिए काछनदेवी की पूजा होती है. बुधवार रात काछनदेवी के रूप में अनुसूचित जाति के एक विशेष परिवार की कुंआरी कन्या पीहू दास ने बस्तर राजपरिवार को दशहरा पर्व आरंभ करने की अनुमति दी. पिछले 700 सालो से इस पंरपरा को निभाने के बाद अनुराधा की जगह अब उसकी ही बहन 8 वर्षीय पीहू काछनदेवी के रूप में कांटो के झूले पर लेटकर सदियों पुरानी इस परंपरा को निभाने के लिए अनुमति दी.

मान्यता है कि इस महापर्व को निर्बाध संपन्न कराने के लिये काछनदेवी की अनुमति आवश्यक है. जिस हेतु पनका जाति की कुंवारी कन्या को बेल के कांटो से बने झूले पर लेटाया जाता है और इस दौरान उसके अंदर खुद देवी आकर पर्व आरंभ करने की अनुमति देती है. हर वर्ष पितृमोक्ष अमावस्या को इस प्रमुख विधान को निभा कर राज परिवार यह अनुमति प्राप्त करता है. इस दौरान बस्तर का राजपरिवार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हजारों की संख्या में लोग इस अनुठी परंपरा को देखने काछनगुड़ी पहुंचते हैं....