मोदी मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ से कितने नेता होंगे शामिल ? इन दिग्गज नेताओं का नाम चर्चा में, जानिए क्या कहता है समीकरण

मोदी मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ से कितने नेता होंगे शामिल ? इन दिग्गज नेताओं का नाम चर्चा में, जानिए क्या कहता है समीकरण
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

6 जून 2024 रायपुर :- छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बंपर जीत मिली है। 11 लोकसभा सीटों वाले राज्य में 10 सीटों पर इस बार कमल खिला है। शानदार जीत दर्ज करने के बाद राज्य के नवनिर्वाचित सांसदों में से कुछ चेहरे केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बना सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल गठन के पूर्व जिन नामों को लेकर चर्चा है, उन नामों में रायपुर लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बृजमोहन अग्रवाल, दुर्ग लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद निर्वाचित होने वाले विजय बघेल, राजनांदगांव लोकसभा सीट से दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले संतोष पांडेय। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट जांजगीर से पहली बार सांसद बनने वाली कमलेश जांगड़े और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित बस्तर सीट से चुनकर आने वाले महेश कश्यप शामिल हैं। संकेत है कि छत्तीसगढ़ से एक या दो सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए जा सकते हैं।

इससे पहले 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अविभाजित मध्यप्रदेश में दिलीप सिंह जूदेव, रमेश बैस और डाॅ.रमन सिंह केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे। राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ कोटे से महज एक-एक मंत्री बनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। भाजपा शासित दो राज्य उत्तरप्रदेश और राजस्थान में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ, मगर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदों के अनुरूप नतीजे आए। माना जा रहा है कि इस वजह से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में इन दोनों राज्यों को खासतौर पर तरजीह दी जाएगी। 

बृजमोहन अग्रवाल

बृजमोहन अग्रवाल आठ बार के विधायक हैं। देश भर में सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने वाले टाॅप 10 सांसदों में उनका नाम शामिल है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में पटवा सरकार में मंत्री रहे 2003 से लेकर 2018 तक रमन सरकार में मंत्री पद संभाला। 2023 में विधानसभा चुनाव में पार्टी की बड़ी जीत के बाद साय सरकार में उन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया। 

विजय बघेल

विजय बघेल एक बार के विधायक और दो बार के सांसद हैं। 2019 के मुकाबले सर्वाधिक अंतर से चुनाव जीता है। समाजिक समीकरण में फिट बैठते हैं। ओबीसी वर्ग में आने वाले प्रभावशाली कुर्मी समाज के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्तेदार हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें बघेल के खिलाफ मैदान में उतारा था। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने दूसरी बार लोकसभा की टिकट दी।

संतोष पांडेय

संतोष पांडेय राजनांदगांव सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। हिन्दुत्व के मुखर चेहरे हैं। राज्य में सवर्ण समाज के बड़े चेहरों में से एक हैं। प्रदेश भाजपा महामंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। आरएसएस के विश्वस्त चेहरों में से एक हैं। कुशल संगठन प्रबंधक माने जाते हैं। संतोष पांडेय के साथ एक संयोग यह भी है कि 1999 में पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को हराकर जब डाॅ.रमन सिंह सांसद बने थे, तब उन्हें अटल सरकार में मंत्री बनाया गया था। 

कमलेश जांगड़े 

अनुसूचित जाति वर्ग के साथ-साथ महिला फैक्टर उनके साथ है। कांग्रेस के गढ़ से उन्होंने चुनाव जीता है। जांजगीर लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में कांग्रेस का कब्जा है। नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत का प्रभावशील क्षेत्र माना जाता है। राज्य के सबसे बड़े संभाग बिलासपुर क्षेत्र से आती हैं। एबीवीपी से छात्र राजनीति की शुरुआत कर यहां तक पहुंचने वाली युवा सांसद हैं।

महेश कश्यप

आदिवासी बाहुल्य बस्तर में हिन्दुत्व और धर्मांतरण के मुद्दे पर मुखर चेहरा हैं। युवा और आदिवासी फैक्टर इनसे जुड़ा है। नक्सलवाद का खात्मा किए जाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के साथ खनन और उद्योग के रास्ते बस्तर को विकास से जोड़े जाने के समीकरण के आधार पर उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।