जिला अस्पताल में चल रहा नवजात बच्चों को बेचने का धंधा डिलीवरी के बाद नर्स मां से करती है सेटिंग, फिर खरीददार को मोटी रकम में बेचती है, पुलिस से हुई शिकायत

जिला अस्पताल में चल रहा नवजात बच्चों को बेचने का धंधा डिलीवरी के बाद नर्स मां से करती है सेटिंग, फिर खरीददार को मोटी रकम में बेचती है, पुलिस से हुई शिकायत
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

12 जनवरी 2024 सुकमा :- छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला अस्पताल में नवजात को बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। गर्भवती की डिलीवरी के बाद एक स्टाफ नर्स आदिवासी महिलाओं से अपने बच्चे को बचने सेटिंग करती है। फिर नवजात को मोटी रकम में खरीददार को बेच देती है। इसके लिए नवजात के परिजनों को 20 से 30 हजार रुपए दिए जाते हैं। दरअसल, बाल संरक्षण अधिकारी से मामले की शिकायत के बाद स्टाफ नर्स की इस करतूत का खुलासा हुआ है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। 

कुछ दिन पहले बाल संरक्षण अधिकारी को इस गोरखधंधा के खिलाफ गोपनीय शिकायत मिली थी। जिसके बाद से ही स्टाफ नर्स पर नजर रखी जा रही थी। अधिकारियों को पता चला था कि, रामाराम के कुड़केल गांव की एक गर्भवती महिला की 4 जनवरी को जिला अस्पताल में डिलीवरी हुई। जिसके बाद स्टाफ नर्स ने किरंदुल के एक दंपती को बच्चे बेचने के लिए करीब 3 लाख रुपए में सौदा किया। स्टाफ नर्स ने बच्चे की मां को इसके लिए करीब 20 से 30 हजार रुपए दिए। 

पैसे देने के बाद नवजात को नर्स अपने साथ ले गई। फिर अपने घर में किरंदुल के दंपती को बुलाकर नवजात को उन्हें सौंप दी। बाल संरक्षण विभाग की टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की। नवजात के परिजनों से मुलाकात कर पूरी जानकारी जुटाई गई। बाल संरक्षण अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट सुकमा जिले के कलेक्टर हरीश एस से भी की। मामला उजागर होने के बाद स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है। 

पुलिस से की गई शिकायत

बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि मामले के संबंध में विभागीय जांच के बाद इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई हैं। साथ ही पुलिस थाना में FIR भी दर्ज करवाई गई है। सब सूत्र बता रहे हैं कि, पुलिस ने आज शुरूवार की सुबह नर्स को हिरासत में ले ली है। जिससे पूछताछ की जा रही है। अब ऐसा बताया जा रहा है कि, इस मामले में और भी कुछ लोग शामिल हो सकते हैं। 

2012 से है जिला अस्पताल में पदस्थ 

दरअसल, जिस स्टाफ नर्स की यह करतूत सामने आई है वह साल 2012 से जिला अस्पताल में पदस्थ है। विभागीय जांच में पता चला है कि नर्स इससे पहले भी कई आदिवासी महिलाओं की डिलीवरी के बाद उनके नवजातों को पड़ोसी राज्य ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बेच चुकी है। फिलहाल विभागीय जांच और FIR के बाद ही नर्स के नाम का खुलासा किया जाएगा।