आदिशक्ति मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ रानमुण्डा सोनारगुड़ी में मनाया गया सत्ती माता का वार्षिक जात्रा चढ़ाई गई 45 बकरों की भेंट
04 अगस्त 2024 जगदलपुर :- करकापाल स्थित लगभग 700 साल पुरानी आदिशक्ति सती माता मंदिर में हरियाली अमावस्या के अवसर पर वार्षिक यात्रा आयोजित किया गया। इस मौके पर भक्तों द्वारा आदिशक्ति को 45 बकरों की भेंट दी गई। आदिशक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने बस्तर के अलावा सीमावर्ती उड़ीसा राज्य के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचे।
नगर निगम के अनुकूल देव वार्ड अंतर्गत रेलवे लाइन के किनारे पुराना जंगली तालाब है। जिसे रानमुंडा कहा जाता है। यहां एक कोसम वृक्ष के नीचे आदिशक्ति सत्ती माता की गुड़ी है। इसे सोनारगुड़ी कहा जाता है। आदिशक्ति सती माता की पूजा अर्चना पिछले 700 वर्षों से मालगांव का स्वर्णकार परिवार विधिवत करता आ रहा है।
हरियाली अमावस्या के अवसर पर प्रतिवर्ष यहां वार्षिक यात्रा आयोजित किया जाता है। रविवार सुबह 9 बजे अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। सबसे पहले माता रानी की प्रतिमा को पंच द्रव्य से स्नान कराया गया। तत्पश्चात मांईजी को विधिवत श्रृंगारित किया गया। आदिशक्ति का दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने लोग सुबह से ही सोनारगुड़ी पहुंचने लगे थे। दोपहर 12 बजे मातारानी की महाआरती की गई। पुजारी अखिलेश स्वर्णकार पर देवी के आरुढ़ होने पर इन्हे देवी की तरह सजाया गया।
वार्षिक जात्रा पर आसपास के गांव के देवी देवताओं को भी आमंत्रित किया गया था। दोपहर 2 बजे मांईजी को भेंट देने का क्रम प्रारंभ हुआ। जिन भक्तों की मनौती पूर्ण हुई है। उन्होंने आदिशक्ति को बकरा भेंट किया। इस वर्ष 45 बकरों की भेंट दी गई। यहां तैयार किए गए प्रसाद को घर ले जाकर ग्रहण करना प्रतिबंधित है, इसलिए यहां का प्रसाद ग्रहण करने सैकड़ो भक्त आदिशक्ति मंदिर पहुंचे थे।