सवा साल में बस्तर बदहाल,डबल इंजन की सरकार की लापरवाही से इन्द्रावती और बस्तर दोनों संकट में–दीपक बैज

सवा साल में बस्तर बदहाल,डबल इंजन की सरकार की लापरवाही से इन्द्रावती और बस्तर दोनों संकट में–दीपक बैज
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

बस्तर की बहुमूल्य खदानों को मित्रों को सौंप रही डबल इंजन की सरकार

15 अप्रैल 2025 जगदलपुर  :- संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष  दीपक बैज ने संबोधित किया.. बैज ने प्रेसवार्ता को संबोधित कर भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार के सवा साल में बस्तर पूरी तरह से बदहाल हो चुका है राज्य में जबसे डबल इंजन की सरकार बनी है बस्तर और बस्तरवासियों का शोषण शुरू हो गया है, बस्तर के आम आदमी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर वर्तमान सरकार कोई काम नही कर रही है। बस्तर के लोगों के जीवन में परिवर्तन के लिये कांग्रेस की सरकार ने 5 साल में जो काम शुरू किया था वर्तमान सरकार ने उन सारी योजनाओं को बंद कर दिया। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये शुरू की गयी शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना को बंद कर दिया।

65 से अधिक वनोपजों के वेल्यू एडीशन काम को बंद कर दिया, बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड की कार्यवाही बंद हो गयी, हाट बाजार क्लीनिक दम तोड़ चुकी है। कोदो, कुटकी, रागी की खरीदी बंद है। मलेरिया उन्मूलन अभियान दम तोड़ चुकी है। देश भर में चर्चित तथा बस्तर में रोजगार का प्रमुख साधन डेनेक्स भी बदहाल हो चुका है। पिछले सवा साल में 100 से अधिक ग्रामीण फर्जी मुठभेड़ में मारे गये। भाजपा के लिये बस्तर का मतलब शोषण का केन्द्र मात्र है। सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठाने वालों को ही टार्गेट किया जा रहा है।

एक बार फिर से बस्तर के लोंगों का लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में है। हमारे जल, जंगल, जमीन हमारी संस्कृति पर सरकार और सरकार के पूंजीपति मित्रों की नजर लग चुकी है।आज बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी पूरी तरह से सूख चुकी है, पिछले कई दिनों से इंद्रावती से सटे किसान इंद्रावती नदी में पानी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, परंतु डबल इंजन की सरकार किसानों की मांग को अनसुना कर इंद्रावती नदी में पानी के लिए उड़ीसा सरकार से चर्चा तक नहीं कर रही है।

राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ राज्य और उड़ीसा सरकार के बीच गर्मी के मौसम में इंद्रावती नदी के पानी के बंटवारे को लेकर 28 दिसंबर 2003 को एक अनुबंध हुआ था जिसमें उड़ीसा सरकार ने यह विश्वास दिलाया था कि गर्मियों के दिनों में जब इंद्रावती नदी में पानी कम होता है उस समय दोनों राज्य पानी का बराबर-बराबर बंटवारा करेंगे परंतु आज उड़ीसा में भाजपा की सरकार है जो उड़ीसा के खातिगुड़ा डैम से पानी नहीं छोड़ रही और जो पानी आ रहा है वो पानी भी जोरा नाला से उडीसा की ओर ही प्रवाहित होकर सबरी नदी में जाकर मिल जा रहा है जिसके चलते आज समूचा बस्तर गंभीर जल संकट से जूझ रहा है l

छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार है, उड़ीसा में भी भाजपा सरकार है, केन्द्र में भी भाजपा सरकार है बावजूद इसके बस्तर की जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है यह भारतीय जनता पार्टी की उदासीनता का ही नतीजा है, बस्तर के लोग बस्तर की प्राणदायनी इंद्रावती नदी को तिल-तिल मारता हुआ देखने को मजबूर है।विगत 14 महीना से राज्य में भाजपा की सरकार है, जल संसाधन मंत्री बस्तर से ही आते हैं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बस्तर से हैं जो कि स्वयं जगदलपुर के विधायक हैं बावजूद इसके केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 9 बड़े प्रोजेक्ट आज तक इंद्रावती नदी में इस सरकार ने आरंभ नहीं करा पाया है वही उड़ीसा सीमा से चित्रकूट जलप्रपात के बीच 10 छोटे एनीकेट बने हैं l

जिनमें से वर्तमान स्थिति में चार एनीकेट पूरी तरह से सूख चुके हैं, मटनार बैराज और देउरगांव बैराज को प्रशासनिक स्वीकृति ये सरकार नहीं दे रही है और ना ही ओडिशा सरकार पर खातिगुड़ा डैम से पानी छोड़ने दबाव बनाया जा रहा है।पिछले दिनों साय सरकार के राजनैतिक इवेंट के चलते चित्रकोट जलप्रपात में केबिनेट की मीटिंग रखी गयी, दिखावेबाजी के लिए चित्रकोट जलप्रपात में जल प्रवाह के लिए बनाये गये बांध से अनावश्यक पानी छोड़ा गया, उसी के चलते आज इंद्रावती में जल संकट है।

मुख्यमंत्री की सुरक्षा का हवाला देकर अनेकों पेड़ काटे गये।आज बस्तर का किसान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है और उसकी फसल नुकसान हो रही है वहीं बहुत जल्द ही बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर की जनता को भी बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा, इस विष्णु देव साय की सरकार ने इंद्रावती नदी का पानी रोकने कोई पहल नहीं की जिसके चलते केन्द्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय विकास जल अभिकरण और तेलंगाना सरकार 148 टीएमसी पानी छत्तीसगढ़ के बस्तर को देने की बजाए तेलंगाना सरकार को देने की बात भी कर रहे हैं।

कांग्रेस बस्तरवासियों को सरकार के हाल पर नहीं छोड़ सकती। हम बस्तर की प्राणदा इंद्रावती को सूखते नहीं देख सकते। सरकार शीघ्र उड़ीसा सरकार के बात नहीं करती समस्या का समाधान नहीं करती तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  दीपक बैज ने कहा बस्तर के संसाधनों पर भाजपा सरकार की बुरी नजर है, विष्णुदेव साय की सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक बार फिर कॉरपोरेट घरानों का चारागाह बना दिया है।बस्तर की चार बड़ी लौह अयस्क खदानें निजी पूंजी पतियों को इसमें से 2 खदानें बैलाडीला 1। और बैलाडीला 1ठ की खदान आर्सेलर मित्तल को 50 साल के लिए लीज पर दे दिया।बैलाडीला 14 खदान रूंगटा स्टील को 50 सालों के लिए दिया गया।कांकेर जिले के हाहालादी खदान सागर स्टोन को 50 साल के लिए दे दिया गया है।

यह शुरूआत है इसके बाद बस्तर के सभी बहुमूल्य खनिज संपदा को अडानी को सौंपने की तैयारी की जा रही है। अडानी के लिए बस्तर में रेड कार्पेट बिछाया जा रहा। भाजपा सरकार बस्तर में खनन आधारित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्थापित करने के बजाय, बहुमूल्य खनिज संसाधन औने-पौने दाम पर पूंजीपतियों को लुटा रही है।विगत दिनों केंद्रीय इस्पात मंत्री छत्तीसगढ़ आए थे, तमाम विरोध के बावजूद भारत सरकार का सरकारी उपक्रम फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड भिलाई स्थित यूनिट को मात्र 320 करोड़ में बेच दिया, जो कभी घाटे में नहीं रही बल्कि लगभग 100 करोड़ प्रति वर्ष का मुनाफा कमा रहा थी।

रमन सिंह की सरकार बस्तर के नागराज पर्वत मोदी के मित्र अदानी को बेचा गया ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाई गई. पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने जांच के बाद आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव केंद्र की मोदी सरकार को भेजा गया लेकिन वह भी आज तक लंबित है।बस्तर के नगरनार में 20 हजार करोड़ से अधिक के सार्वजनिक क्षेत्र एनएमडीसी के प्लांट को बेचने के लिए केंद्र की मोदी सरकार विनिवेशीकरण की सरकारी साइट "दीपम" पर सेल लगाकर रखी है। बस्तर के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को बेच रही है मोदी सरकार।

चुनाव के समय मोदी और अमित शाह ने बस्तर की जनता से वादा किया था कि नगरनार नहीं बिकेगा लेकिन बेचने की प्रक्रिया आज भी जारी है।भाजपा की सरकार की बुरी नजर केवल बस्तर के संसाधनों पर है, छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान, आत्मसम्मान और जन अधिकार है को निर्दयता पूर्वक कुचल रही है।

 प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन,रविशंकर तिवारी,कविता साहू,जाहिद हुसैन,सुभाष गुलाटी,महेश ठाकुर,आदित्य बिसेन, अनुराग महतो,मोना पाढ़ी,सलीम जाफर,ज्योति राव,सायमा अशरफ,उस्मान रजा आदि मौजूद रहे...