मार्च में संसद में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक, 14 बदलावों पर सरकार की मुहर

मार्च में संसद में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक, 14 बदलावों पर सरकार की मुहर
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

28 फरवरी 2025 नई दिल्ली :-  वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है और इसे मार्च में संसद में पेश किया जाएगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें यह विधेयक चर्चा के लिए रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 19 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में 14 बदलावों को स्वीकृति दी गई।

विधेयक में क्या होगा नया?

वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले, 13 फरवरी को जब जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की रिपोर्ट पेश की गई थी, तब विपक्ष ने इसका विरोध किया था।

रिजिजू ने रखे थे दो विधेयक

8 अगस्त 2024 को तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेंन रिजिजू ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किए थे:

  1. वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024
  2. मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024

इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करना है।

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1923 का वक्फ कानून क्यों होगा निरस्त?

मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024 का उद्देश्य 1923 के ब्रिटिश कालीन वक्फ अधिनियम को समाप्त करना है। यह कानून वर्तमान समय में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और एकरूपता सुनिश्चित होगी।

इन 14 बदलावों को मिली मंजूरी

संशोधित विधेयक में नए सुधारों को शामिल किया गया है, जिनमें प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:

– विधेयक का नाम बदला जाएगा, नया प्रस्तावित नाम – ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक’।
– वक्फ बोर्ड में मुस्लिम ओबीसी समुदाय के एक सदस्य की अनिवार्यता।
– बोर्ड में महिलाओं को भी जगह दी जाएगी।
– गैर-मुस्लिमों को भी वक्फ बोर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा।
– सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य।
– वक्फ संपत्तियों की सीमा तय होगी।
– सभी रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण अनिवार्य।
– बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी को सीआईओ (Chief Information Officer) नियुक्त किया जाएगा।
– ऑडिट प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
– वक्फ संपत्तियों की देखरेख में जिलाधिकारी की भूमिका बढ़ाई जाएगी।
– सरकारी अधिकारी तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ के तहत आती है या नहीं।
– वक्फ संपत्तियों के दावों के लिए सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य होगी।
– अवैध कब्जों को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
– संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा।