मणिपुर के 5 जिलों में लोगों ने 42 हथियार किए सरेंडर, पांच अवैध बंकर ध्वस्त
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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली के संकेत मिलने लगे हैं। राज्य के पांच जिलों में लोगों ने 42 आग्नेयास्त्र और कारतूस पुलिस को सौंपे हैं। इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने पांच अवैध बंकरों को भी ध्वस्त कर दिया है।
किन जिलों में हुए हथियार सरेंडर?
- बिष्णुपुर: 2 पिस्तौल, 6 ग्रेनेड, 75 से अधिक कारतूस समेत 5 हथियार।
- तामेंगलोंग: 17 देशी बंदूकें, 9 पोम्पी गन और कारतूस।
- याइंगंगपोकपी, पोरोमपट, चुराचांदपुर और लामसांग में भी 10 हथियार सरेंडर किए गए।
अवैध बंकरों पर कार्रवाई
- कांगपोकपी जिले के मार्क हिल में 2 अवैध बंकर नष्ट किए गए।
- वाकन पहाड़ी रेंज में 3 अन्य बंकर ध्वस्त किए गए।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम जिले के सैरेमखुल इलाके में तलाशी अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किए, जिनमें शामिल हैं:
– 1 इंसास LMG
– 1 एके-56 राइफल
– 3 SLR राइफल
– 1 SMG 9mm कार्बाइन
– 1 .303 राइफल
– 1 DBBL गन
– 4 बिना डेटोनेटर वाले ग्रेनेड
– 1 चीनी हथगोला
– 20 राउंड गोला-बारूद से भरी मैगजीन
राज्यपाल ने दी थी अंतिम चेतावनी
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल लोगों को 7 दिनों के भीतर लूटे गए या अवैध हथियार सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया था। बाद में जनता की मांग पर समय सीमा 6 मार्च तक बढ़ा दी गई। इस दौरान 300 से अधिक हथियार जमा कराए गए हैं।
राष्ट्रपति शासन लागू
- 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने से 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
- हालात बेकाबू होने के बाद 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।