शहर जिला कॉंग्रेस कमेटी ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड को लेकर किया भारतीय स्टेट बैंक के समक्ष विरोध प्रदर्शन
07 मार्च 2024 जगदलपुर :- जगदलपुर शहर जिला कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुशील मौर्य के नेतृत्व में शहर जिला कॉंग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने संभाग मुख्यालय जगदलपुर के SBI कार्यालय के समक्ष केंद्र सरकार को मिलने वाले इलेक्ट्रॉल बॉन्ड(चुनावी चंदे)की जानकारी सार्वजनिक न करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया..
शहर जिला कॉंग्रेस के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि 2017 में चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा लाने की योजना काले धन को सफेद करने और बीजेपी को मदद पहुंचाने की योजना थी..केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर एसबीआई के अधिकारी जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट से जून तक का समय मांग रहे हैं ताकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएं..
अब जब सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 06 मार्च 2024 तक चुनावी बांड की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने और फिर उससे जुड़ी सारी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया तो एसबीआई जून तक का समय मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. जबकि आज की तकनीक और कंप्यूटर को यह पता लगाने में केवल दो मिनट लगते हैं कि इस अवधि के दौरान चुनावी बांड किसने खरीदा और किस पार्टी को दान दिया गया..2017 में भाजपा सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बांड योजना में राजनीतिक दलों को हजारों करोड़ रुपये चंदे के रूप में दिए गए,
जिसमें से अकेले भाजपा को 55% मिले. ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी और पीएम मोदी के अपने उद्योगपति मित्रों के साथ नापाक रिश्ते उजागर न हो जाएं, इसलिए केंद्र सरकार भारतीय स्टेट बैंक को मोहरा बनाकर काले धन के स्रोत की जानकारी देने से बचाना चाहती है...शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय लेने का अनुरोध करने के पीछे मंशा यह है कि लोकसभा चुनाव तक जनता को पता न चले कि बीजेपी ने किन-किन कंपनियों से चंदा लिया है. क्या वे असली कंपनियां थीं या शेल कंपनियां? उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और हर व्यक्ति तक यह संदेश पहुंचाएगी कि चुनावी बांड के नाम पर न केवल लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया गया है बल्कि भाजपा ने एक बड़ा आर्थिक अपराध भी किया है l