2 दिन तक किरंदुल नहीं जाएगी यात्री ट्रेनें कमालूर में निर्माणकाम के चलते लिया गया निर्णय, जगदलपुर होगा अंतिम स्टॉपेज
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में किरंदुल-कोत्तावालसा (केके) रेल लाइन पर दंतेवाड़ा-किरंदुल के बीच रेलवे लाइन दोहरीकरण का काम चल रहा है। इस काम के चलते 11 और 12 जनवरी को किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर और एक्सप्रेस दोनों ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। ये ट्रेनें जगदलपुर से आगे दंतेवाड़ा और किरंदुल नहीं आएंगी। दोनों का अंतिम स्टॉपेज जगदलपुर होगा और वहीं से विशाखापट्टनम लौट जाएंगी।
दरअसल, रेलवे के अफसर एके त्रिपाठी ने यात्री ट्रेनों के पहिए थमने की जानकारी दी है। उनके मुताबिक, कमालूर में रेलवे लाइन दोहरीकरण का काम और लाइन के सर्वे की वजह से दोनों यात्री ट्रेनों को रोका गया है।
मालगाड़ी की आवाजाही बरकरार
इस रूट पर मालगाड़ियों की आवाजाही बरकरार रहेगी। रोजाना किरंदुल-बचेली से विशाखापट्टनम तक आयरन ओर की ढुलाई करने करीब 30 से ज्यादा मालगाड़ियों की आवाजाही होती है। यदि इन मालगाड़ियों को रोका जाएगा तो रेलवे और NMDC को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए रेलवे ने सिर्फ यात्री ट्रेनों के परिचालन पर ब्रेक लगाया है।
छुट्टियां मनाने और मेडिकल कामों के लिए जाते हैं लोग
किरंदुल से विशाखापट्टनम के बीच सिर्फ 2 यात्री ट्रेनें चलती हैं। इनमें से एक दिन में चलने वाली किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन है, तो वहीं दूसरी नाइट एक्सप्रेस है। इन दोनों ट्रेनों में बस्तर के सैकड़ों लोग सफर करते हैं। यह ट्रेन ओडिशा होते हुए विशाखापट्टनम पहुंचती है। ऐसे में ओडिशा के अरकू की खूबसूरत वादियों का आनंद और विशाखापट्टनम में समुद्र की सैर करने समेत मेडिकल कामों के लिए जाने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है।