IAS- SDM सहित चार अफसरों पर चलेगा अवमानना का केस, 3 सितंबर को हाजिर होने का आदेश, जानें पूरा मामला

IAS- SDM सहित चार अफसरों पर चलेगा अवमानना का केस, 3 सितंबर को हाजिर होने का आदेश, जानें पूरा मामला
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR
21 अगस्त 2024 बिलासपुर :- जमीन अधिग्रहण के मामले में IAS, SDM सहित चार अफसरों पर अवमानना का केस चलेगा। इन अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मामले का निराकरण नहीं किया, जिसके बाद  कोर्ट ने अवमानना केस में आईएएस, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को बिलासपुर हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को उपस्थित होने का आदेश दिया है। पूर्व कलेक्टर सक्ती नूपुर राशि पन्ना, राकेश द्विवेदी अनुविभागीय अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) सक्ती, रूपेंद्र पटेल अनुविभागीय दंडाधिकारी मालखरौदा, रेना जमील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत और प्रज्ञा नंद कार्यकारी अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) ब्रिज जगदलपुर को पक्षकार बनाया गया है।
 
क्या है पूरा मामला?
 
जांजगीर जिले में अधिग्रहण के बिना पीडब्ल्यूडी ने 2 किसानों की जमीन पर कब्जा कर सड़क बना दिया। किसानों ने जब भू-अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन के मुआवजे की मांग की तो अफसरों ने उनकी नहीं सुनी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारियों ने मामले का निराकरण नहीं किया।जिसके बाद किसान ने पूर्व कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना सहित आधा दर्जन अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए अवमानना याचिका दायर की है।
 
2012 में ली गई थी याचिकाकर्ताओं की जमीन
 
दायर याचिका में किसानों ने कहा है कि, कोर्ट के आदेश के बाद भी अफसरों ने मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया है।ऐसा कर कलेक्टर सहित अधिकारियों ने न्यायालयीन आदेश की अवेहलना की है। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अधिकारियों को अवमानना के लिए दोषी माना है।
 
कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि का वितरण नहीं
 
जानकारी के मुताबिक जांजगीर-चाम्पा जिला के ग्राम अंडी पोस्ट किरारी निवासी नेतराम भारद्वाज और भवानीलाल भारद्वाज की जमीन पर बिना अधिग्रहण पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण कर दिया। भू-स्वामियों ने कलेक्टर जांजगीर के पास विधिवत जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा दिलाने आवेदन दिया।नवंबर 2022 में जस्टिस आरसीएस सामंत ने सुनवाई में पाया कि याचिकाकर्ताओं की भूमि 2012 में ली गई है। 
 
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 15 दिन के अंदर अभ्यावेदन देने, उत्तरवादी कलेक्टर और भू अर्जन अधिकारी को 4 महीने के भीतर दावे की जांच कर अधिग्रहण के लिए कार्यवाही शुरू कर तय समय सीमा के भीतर मुआवजा निर्धारित कर भुगतान का आदेश दिया था। लेकिन, इसके बाद भी पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि नहीं दी गई।