RAIPUR : भाजपा नेताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर की कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे की शिकायत, FIR की मांग

RAIPUR : भाजपा नेताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर की कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे की शिकायत, FIR की मांग
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

28 जनवरी 2025 रायपुर :- भारतीय जनता पार्टी ने महाकुम्भ के आयोजन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा महू में दिए गए बयान को घोर सनातन विरोधी और घृणित सोच का परिचायक बताते हुए खड़गे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, विधि प्रकोष्ठ के संयोजक जेपी चंद्रवंशी और सह संयोजक बृजेश पांडे ने मंगलवार शाम को सिविल लाइन थाने में इस आशय का आवेदन सौंपा है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर, प्रदेश मीडिया श्री चिमनानी, विधि प्रकोष्ठ के संयोजक श्री चंद्रवंशी और सह संयोजक श्री पांडे ने सिविल लाइन पुलिस को सौंपे आवेदन में कहा कि इन दिनों भारत के प्रयागराज तीर्थस्थल पर महाकुंभ का वृहद आयोजन चल रहा है और इस अवसर पर न केवल भारत, अपितु विदेशों से भी लगभग 45 करोड़ सनातन धर्मप्रेमी प्रयागराज पहुँचकर माँ गंगा के पवित्र त्रिवेणी संगम स्थल पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस विराट आयोजन के सुचारु संचालन के दृष्टिगत उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार ने समुचित प्रबंध किए हैं। भाजपा नेताओं ने पुराणों और शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण जब इंद्र और देवता कमजोर पड़ गए, तब राक्षस ने देवताओं पर आक्रमण करके उन्हें परास्त कर दिया था। ऐसे में सब देवता मिलकर विष्णु भगवान के पास गए और सारा वृत्तांत सुनाया, तब भगवान ने देवताओं को दैत्यों के साथ मिलकर समुद्र यानी क्षीरसागर में मंथन करके अमृत निकालने को कहा। जैसे ही समुद्र मंथन से अमृत निकला, देवताओं के इशारे पर इंद्र का पुत्र जयंत अमृत कलश लेकर उड़ गया। अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव और राक्षसों में 12 दिन तक भयानक युद्ध चला रहा। इस युद्ध के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों पर अमृत कलश की कुछ बूंदें गिरी थीं जिनमें से पहली बूंद प्रयाग में, दूसरी हरिद्वार में, तीसरी बूंद उज्जैन और चौथी नासिक में गिरी थी। इसीलिए इन्हीं चार जगहों पर कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है। देवताओं के 12 दिन, पृथ्वी पर 12 साल के बराबर होते हैं। इसलिए हर 12 साल में महाकुम्भ का आयोजन किया जाता है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर, प्रदेश मीडिया श्री चिमनानी, विधि प्रकोष्ठ के संयोजक श्री चंद्रवंशी और सह संयोजक श्री पांडे ने कहा कि भगवान शंकर ने इस मंथन से निकले हलाहल को अपने कंठ में धारण कर अखिल ब्रह्माण्ड की रक्षा की थी। बाद में भागीरथी के आह्वान पर माँ गंगा भू-लोक में अवतरित हुईं जिन्हें भगवान शंकर ने अपनी जटाओं में धारण किया। सनातन संस्कृति का यह अटूट विश्वास है कि माँ गंगा के पवित्र त्रिवेणी संगम में अस्थियों के विसर्जन से मृत लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भाजपा नेताओं ने आवेदन में कहा कि कुम्भ मेला के इस आयोजन की परम्परा सहस्त्रों वर्ष से चली आ रही है। विभिन्न पुराणों और अन्य प्राचीन मौखिक परम्पराओं से जुड़े तथ्यों के अनुसार सर्व प्रथम आगम अखाड़े की स्थापना हुई। कालान्तर मे विखण्डन होकर अन्य अखाड़े बने। भारत की स्वतंत्रता के बाद 1954 में 40 लाख लोगों अर्थात भारत की 1 प्रतिशत जनसंख्या ने इलाहाबाद में आयोजित कुम्भ में भागीदारी की। 1989 में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 6 फरवरी के प्रयाग मेले में 1.5 करोड़ लोगों की उपस्थिति प्रमाणित की, जो उस समय तक किसी एक उद्देश्य के लिए एकत्रित लोगों की सबसे बड़ी भीड़ थी। 1995 में इलाहाबाद के “अर्धकुम्भ” के दौरान 30 जनवरी के स्नान दिवस को 2 करोड़ लोगों की उपस्थिति रही। 1998 में हरिद्वार महाकुम्भ में 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु चार महीनों के दौरान पहुँचे। 2001 में प्रयागराज के मेले में छः सप्ताहों के दौरान 7 करोड़ श्रद्धालु कुम्भ में पहुँचे थे। 2003 के नासिक मेले में मुख्य स्नान दिवस पर 60 लाख लोग उपस्थित थे। 2004 में उज्जैन मेला; 2007 में इलाहाबाद में अर्धकुम्भ, 2010 में हरिद्वार में कुम्भ, 2013 में इलाहाबाद का कुम्भ आयोजित किया गया। 2015 में नाशिक और त्रम्बकेश्वर में एक साथ कुम्भ मेला प्रारम्भ हुआ। इसी तरह 2016 में उज्जैन, 2019 में इलाहाबाद में अर्धकुम्भ, 2021 में हरिद्वार में कुम्भ लगा और अब इस वर्ष 2025 में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर, प्रदेश मीडिया श्री चिमनानी, विधि प्रकोष्ठ के संयोजक श्री चंद्रवंशी और सह संयोजक श्री पांडे ने कहा कि ऐसे पवित्र अवसर पर कांग्रेस ने एक बार फिर अपने सनातन विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है। कांग्रेस के अ.भा. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोटि-कोटि सनातन धर्मप्रेमियों की आस्था पर आघात करते हुए इस आयोजन को लेकर जो बयान दिया है, सनातनप्रेमियों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी भी उसे घोर आपत्तिजनक मानते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्यप्रदेश के महू में महाकुंभ के आयोजन को लेकर कहा है, ‘गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म होगी क्या? आपको खाना मिलता है क्या? जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल नहीं जा रहा, मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही, तब हजारों रुपये खर्च करके कम्पटीशन में डुबकियां मार रहे हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई नहीं होने वाली है।’ भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के इस बयान से सनातन धर्म में आस्था रखने वाले भारत सहित विश्व के कोटि-कोटि जन की भावनाएँ आहत हुई हैं, जो महाकुंभ में संगम स्नान कर स्वयं को धन्य अनुभव कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने इस सनातन विरोधी बयान के जरिए कांग्रेस की संकीर्ण और तुच्छ सोच का परिचय देकर कोटि-कोटि सनातन प्रेमियों के माँ गंगा और महाकुंभ के प्रति विश्वास को ठेस पहुँचाई है। खड़गे का यह बयान घृणित मानसिकता का द्योतक है। खड़गे के इस बयान से समाज का सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बिगड़ने की आशंका बलवती हो चली है। इससे देश में हिंसक संघर्ष फैल सकता है और स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। भाजपा नेताओं ने आवेदन में कहा है कि इन तथ्यों के आलोक में आपसे यह सविनय आग्रह है कि महाकुंभ के आयोजन को लेकर महू में दिए गए आपत्तिजनक व घोर सनातन विरोधी बयान के परिप्रेक्ष्य में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए,ताकि सामाजिक सौहाद्र बना रहे।