पत्रकार  मुकेश चन्द्राकर हत्याकाण्ड मे S I T  ने प्रेस नोट जारी कर हत्या का किया खुलासा, जानिए   चन्द्राकर बन्धुओं ने मुकेश को  कैसे उतारा मौत के घाट 

पत्रकार  मुकेश चन्द्राकर हत्याकाण्ड मे S I T  ने प्रेस नोट जारी कर हत्या का किया खुलासा, जानिए   चन्द्राकर बन्धुओं ने मुकेश को  कैसे उतारा मौत के घाट 
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

09 जनवरी 2025 बीजापुर :-  बीजापुर NDTV के पत्रकार  मुकेश चन्द्राकर की दिनांक 01.01.25 की शाम 8 : 00 - 08.30 बजे से गुमशुदमी की रिपोर्ट मुकेश के बड़े भाई युकेश चनद्राकर के द्वारा पत्रकार साथियों के साथ थाना जा कर दर्ज कराया गया था । पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के दौरान संसित पूछताछ पर ही मामले की गंगीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधिक्षक बीजापुर व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी जानकारी दी गई  तत्काल गुमशुदा  मुकेश चन्द्राकर की पता साजी हेतु सायबर सेल की टीम व अतिरिक्त अधिकारी और पुलिस के जवानो को लगाया गया।

पुलिस टीम के द्वारा मुकेश के सभी नंबरों का लोकेशन लेने का प्रयास किया गया पर सभी नंबर बंद आ रहे थे, लास्ट लोकेशन चेक करने पर नंबर अलग अलग जगह जैसे नूकनपाल, जांगला सेक्टर जो कि भैरमगढ़ की ओर है, बीजापुर पुलिस कुछ पत्रकार साथियों को भी साथ लेकर उन स्थानों पर पतासाजी कीया गया पर मुकेश का कुछ पता नही मिल पाया ।

मुकेश के भाई यूकेश के द्वारा  G-mail  पर अपडेट हुए लास्ट लोकेशन को बताया गया जो चट्टानपारा स्थित सुरेश के बाड़े का था।पुलिस द्वारा तत्काल पत्रकारों के साथ जाकर बाड़े का पूरा एरिया सर्च किया, बाड़े  मे कुल 17 लेबर कमरे बने हुए थे, जीन पर ताले लगे हुये थे। ताला खुलवाकर चेक करने हैतु बाड़े के मालिक सुरेश चंद्राकर को फोन करके बाड़े का चाबी लाने को कहा गया, जो उस समय भैरमगढ़ में होना बताया। उसके आने के बाद उसके सामने ही बाड़े के सभी कमरों को खुलवाकर चेक किया गया। पर वहां कुछ नही मिला।

बाडे में नये बने सेप्टिक टेंक के फलोरिंग के बारे मे पूछने पर सुरेश चन्द्राकर ने बाथरूम के रिपेरिंग का कार्य जारी होना बताया।सुरेश चन्द्राकर से रितेश चन्द्राकर के स्बंध में पूछे जाने पर उससे दो सालो से बात चीत बन्द होना बताया और जानकारी नही होना बताया ।रात में ही पुलिस टीम दारा संदेही रितेश चन्द्राकर व अन्य संदेहियों का और गुमशुदा मुकेश चन्द्राकर  के CDR डिटेल हेतु सायबर सेल के माध्यम से प्रतिवेदन भेज दिया था 

रितेश का तलाश करने हाईवे के अलग अलग स्थानों में लगे टोल पलाजा के CCTV फुटेज देखे गए। रितेश दिनॉंक 02.01.25 के 08. 20 बजे सुबह कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुरेज में काले कलर की थार वाहन सीजी -04 0001 में क्रास होता दिखाई दिया। अनुमान के आधार पर एयरपोर्ट रायपुर जाना बताया गया रायपुर एयरपोर्ट जहां पार्किंग पर उक्त वाहन शाम के समय दिखाई दिया।

एयरपोर्ट से उस समय की प्लाईट से आने जाने वालो की डिटेल लिया गया। जिसमें जांच पर दिनांक 02.01.25 को सुबह ही रितेश द्वारा रायपुर से दिल्ली टिकिट आन लाईन बुक करना पाया गया दिनांक 02.01.25 के सुबह ही टिकट बुक किये जाने पुलिस का संदेह उस पर गहरा गया । " बीजापुर आपरेशन पुलिस टीम दारा दिनांक 02.01.:25 से दिनांक 03.01.25 की दरम्यानी रात में ही किया जा रहा था। इसके अलावा एक टेक्नीकल टीम गुमशुदा मुकेश के धर के आसपास के CCTV कैमरो को कुल 04 जगहों पर कैमरे मिले पर घर से काफी दूर थे CCTV खंगाला गया। रात का समय होने से समय निशित पता नही होने से तथा किस वाहन से मुकेश कैसे गया होगा क्लियर नही होने से कुछ पुख्ता जानकारी वहां से नही मिल पा रहा था।

उक्त कार्यवाहियां भी गुम इंसान रिपोर्ट आने के तुरंत बाद दिनांक 02:01.25 -03.1 25 दरम्यानी रात में ही की जा रही थी। पुलिस अधीक्षक जो नव निर्मित कैम्प गये थे वापस आकर गुम इंसान दर्ज कराते समय ही सूचक व अन्य पत्रकार साथियों से स्वयं पूछ्ताछ कर रहे थे जानकारी ले रहे थे, पुलिस  की सभी कार्यवाहियों को खुद ही मानिटरिंग कर रहे थे दिशा व दिशा निर्देश दे रहे थे। रात्रि करीब 3- 4  बजे के बीच पुलिस को गुमशुदा मुकेश व संदेही रितेश 6 अन्य और सीडीआर डिटेल्स मिल पाए जिनका अध्ययन करने पर मुकेश के आखिरी कॉल के दो कॉल्स रितेश से ही हुए थे। कुछ अन्य महल्वपूर्ण तथ्य सीडीआर एनालिसिस करने के दौरान पुलिस को दिये विवेचना में इसके आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची की रितेश का मुकेश की गुमशुदगी से प्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई सम्बंध अवश्य है। 

पुलिस इन बातों काभी पता लगा रही थी कि मुकेश के गुमशुदगी मे रितेश के अलावा और किनकी संलिप्ता है। पुलिस को तकनीकी व व्यक्तियों से मिली सूचनाओं के आधार पर दिनांक 01.01.25 से 02.01.25 की दरम्यानी रात रितेश चन्द्राकर का भाई दिनेश चन्द्राकर भी रहने की सूचना मिलने पर उसके पता तलाश में भी पुलिस लग गयी थी। उसका मोबाईल भी बंद आ रहा था।

दिनांक 03.01.25 को सुबह दिनेश चन्द्राकर का पता चला कि वह जिला अस्पताल बीजापुर मे है। फिर उसे ढूंढ़ना शुरू किया गया। इसी दौरान रितेश का तलाश के लिए रायपुर की ओर टीमे निकल चुकी थी। करीब 12.00 बजे के आस पास 03.01.25 सुबह दिनेश चन्द्राकर जिला अस्थताल में एडमिट हुआ मिला। जिसका ईलाज चल रहा था। उस तत्काल हिरासत में लिया गया विधिवत डॉक्टर से अनुमति लेकर पूछताछ शुर किया गया। दिनेश ने पहले तो कुछ भी जानकारी नही होना बता रहा था, पर उसे सख्ती से पूछे जाने और सीडीआर.के आधार पर और लोकेशन के आधार पर पूछताछ करने पर करीब 03 धणटे की वितृत पूछताछ के उपरांत उसने घटना के बारे में बताया ।

उसने बताया कि उसका भाई रितेश और महेन्द्र रामटेके गुमशुदा मुकेश की राड मारकर हत्या कर दिये है। उसके बाद दिनेश ने धटना में उक्त राड और कपड़े मोबाइल वगैरह टिकाने लगाने मे और धटनास्थल को साफ करने तथा टंकी में शव डालकर पलोरिंग करने मे मदद करने तक की बात बताते हुए और बहुत कुछ छिपाते घटना के संबंध में उक्त जानकारी दिया। पुलिस ने महेन्द्र रामटेके जिसकी जानकारी उसी वक्त ही मिली थी, उसे भी हिरासत में लेने के लिये पुलिस टीम जुट गयी। इस दौरान उसे नये बस स्टैण्ड के पास से हिरासत में ले लिया गया । पूछताछ में उसने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया । हालत से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुये टीम द्वारा सेप्टिक टेंक से शव निकालने की कार्यवाही की जानी थी इस हेतु विधिवत मजिस्ट्रेट को प्रतिवेदन देकर उपस्थित रहने हेतु व नगरपालिका के कर्मियो व एफएसएल टीम की उपसिथिति तय कर चट्टान पारा स्थित चन्द्राकर बन्धुओं का बाड़ा मे सेप्टिक टेंक की खुराई की गईं।

करीब 05.00 बजे के आस पास दिनांक 03.01.25 को सेप्टिक टैंक का ढक्कन हटाकर निचे टार्च जला कर देखने पर एक शव गंदे पानी मे दिखाई दिया। घटनास्थल पर काफी भीड़ हो चुकी थी। भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्ति बल लगाकर एरिया सील कर दिया गया। पहचान कराये जाने पर शव की पहचान गुमशुदा मुकेश चन्द्राकर के रूप मे की गई।

शव का पंचनामा कर घटनास्थल का फोरेसिक निरीक्षण करने उपरांत शव को मरचुरी लेजाया गया। शव बरामद होने के पूर्व ही घटना में शामिल दो आरोपियों दिनेश चन्द्राकर व महेन्द्र रामटेके को पुलिस ने धर दबोचा था पूछताछ में यह तथ्य सामने आए कि मुकेश चन्द्राकर इनका रिशेदार था। एनडी टी वी का रिपोर्टर था सुरेश चन्द्राकर के बनाये हुये रोड मे हुये भ्रस्टाचार के विरूद्ध मे न्यूज लगा रहा था जिससे इनके बनाये हुये रोड की जांच शुरू हो गई थी। इस बात से नाराज होकर चन्द्राकर बन्धुओं ने मुकेश चन्द्राकर की हत्या की साजिश रची जिसे दिनांक 01.01.25 को रितेश चन्द्राकर व महेन्द्र रामटेके जो इनका सुपरवाइजर था, ने मिलकर बाडे के कमरा नंबर 11 में अंजाम दिया। दिनेश चन्द्राकर ने घटना के बाद रात में ही आकर साक्ष मिटाने व इनको फरार करने में सुरेश चन्द्राकर की पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक

स्वय को घटना के समय बाहर रखने की योजना बनाया था ताकि उस पर संदेह ना हो। पुलिस ने मामले में बिना देर किये अपराध पंजीबद्ध कर लिया। जिसकी विवेचना के दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों दिनेश चन्द्राकर व महेन्द्र रामटेके को बीजापुर से रितेश चन्दाकर को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ किया गया उपरांत घटना से प्रयुक्त वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग किया गया वाहन, घटना मैं प्रयुक्त लोहे की रोड एवं अन्य भौतिक साक्ष को बरामद कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त लोहे की राड व घटना से संबंधित अन्य मौलिक साक्ष्यों को इन्होंने नेल्सनार नदी के किनारे झाडी में छुपा रखा था ।

आरोपी रितेश चन्दाकर महेन्द्र रामटेके तथा दिनेश चन्दाकर द्वार साजिश के तहत मुकेश चन्दाकर के 2 मोबाइल को सुचनार नदी तक चालू हालत में लेजा कर ताकि पुलिस की जांच पडताल में पुलिस को आखरी लोकेशन नदी की और दिखायी दे। वहा जाकर पत्थरों से मोबाईल फोनों को चकनाचूर कर नदी में फेक दिया गया था जिसे गोताखोरों एवं अन्य साधनों से तलाश की गई, अब भी तलाश की जा रही है। तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय से 03 दिन का पुलिस डिमाण्ड दिनाक 08 01 25 तक लिया गया। दिनांक 03 01 25 को सुबह सुरेश चन्दाकर का पता करने पर पता चलता कि वह बीजापुर से इनोवा वाहन से कही बाहर चला गया हैं जिसे गिरफ्तार करने चार टीमें रवाना की गई चारों टीमों ने 48 घंटों तक लगातार बाहर रहकर सर्च आपरेशन करके दिनांक 05.01. 25 की देर रात सुरेश चन्द्राकर को हैदराबाद से हिरासत मैं लेने में सफलता मिली दिनांक 

06/ 01 /25 को पुलिस गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय से पुलिस डिमाण्ड प्राप्त किया। सुरेश चंद्राकर से पूछताछ पर उसने बताया कि मुकेश चन्द्राकर इसका रिश्तेदार लगता है उसके बाद भी अपने चैनल में इनके खिलाफ न्यूज चला रहा था उससे मेरे द्वारा बनाये रोड की जाँच शुरू होगया एसआईटी टीम द्वारा सभी गिरफ्तार चारों आरोपियों को अलग अलग रखकर लगातार दो दिन, दो रात तक उनके मोबाइल खंगालकर व सीडीआर के आधार पर जाँच किया । जिससे बहुत से महत्वपूर्ण तथ्य घटना से संबंधित साक्ष मिले है जिन्हे विवेचना में लिया गया हे एवं पृथक से जाँच की जा रही है। विवेचना के दौरान एसआईटी. टीम ने घटनास्थल का 2 बार रिक्रिएशन आरोपियों से करवाया गया एफएसएल टीम जगदलपुर से बुलाई गई थी सुरेश चन्द्राकर के बाड़ा मे रूम नंबर 11 एवं अन्य संबंधित स्थानों का सूक्ष्म निरीक्षण करवाया गया जिसमे कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य पुलिस को मिले है।

घटनास्थल अब भी सील रखा गया है हर पहलुओं की बारीकी से विवेचना की जा रही है l एसआईटी टीम ने सभी पूछताछ, तलाशी. जप्ती कार्यवाहियों की वीडियोग्राफी करवायी गयी है तथा उन्हें विधिवत साक्ष्य में लिया है। विवेचना के दौरान पुलिस ने 50 से अधिक संबधित लोगों से पूछताछ किया हे । जिससे भी पुलिस को कुछ अति महत्वपुर्ण साक्ष्य मिले है। उनका भी विधिवत स्मरण केस डायरी मैं एसआईटी टीम द्वारा किया गया है। सभी आरोपियों के मोबाइल नंबर में बहुत से डाटा डिलिट मिले है। जिनका लेब से परीक्षण कराया जा रहा है।

घटनास्थल से जप्त साक्ष्य व आरोपियों द्वारा बरामद किये गये कपडे व अन्य साक्ष्यों का भी फोरेंसिक जांच कराने के लिए कार्यवाही की जा रही है। सुरेश चन्दाकर व उससे जुडे उसके संबंधियों के सम्पत्ति की विस्तृत जानकारी ली जा रही है। बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरेश चन्द्राकर ने अपने बैंक खाते से दिनांक 27 12 2024 अर्थात घटना दिनांक से 04 दिन पूर्वी ही एक बडी रकम निकाली है एसआईटी. द्वारा विस्तृत जांच किया जा रहा है। पुलिस की अब तक विवेचना के मुताबिक मुकेश चन्दाकर की हत्या की साजिश सुरेश चन्द्राकर ने अपने भाईयों के साथ मिलकर घटना से 5 दिन पूर्व ही बना ली एसआईटी टीम द्वारा हर सूक्ष्म से सूक्ष्म पहलुओं की भी विस्तृत जांच की जा रही है।

विवेचना मे पुलिस के मुताबिक मुकेश चन्दाकर की हत्या दिनेश और महेन्द्र रामटेके के रात्रि 08 30 से 10: 00 दिनांक 03/ 01/ 25 को की होगी । सभी चार आरोपियों को जिला जेल दाखिल करवाया गया है। अभी उनका न्यायिक डिमाण्ड 15 दिन का लिया गया है। पुलिस टीम ने इस प्रकरण में आरोपियों की धर पकड और विवेचना के आधुनिक तकनीक 1.1. a OSINT Tools का भी उपयोग किया है। विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 4 टिप्पर , मिक्सर मशीन, व अन्य उपकरण,जप्त किया है । साथ ही 100 से अधिक सीडीआर लेकर उनका एनालिसिस किया है। एसआईटी टीम के द्वारा प्रकरण में विधि अनुसार साक्ष्य सरकारसित व संग्रहित कर हर सूक्ष्म से सूक्ष्म बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। उक्त मामले में महाराष्ट्र, तेलंगाना व उडीसा पुलिस की भी आरोपियों को पकडने में मदद ली गयी थी । राज्य एवं संभाग स्तरीय सभी वरिष्ट अधिकारियों द्वारा इस संपूर्ण मामले की जाच विवेचना में दिशा निर्देश दिया जा रहा है।