छत्तीसगढ़ में लागू होगा मीसाबंदी कानून, भविष्य में कोई सरकार नहीं बदल सकेगी फैसला...विधानसभा में लाएंगे लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक

छत्तीसगढ़ में लागू होगा मीसाबंदी कानून, भविष्य में कोई सरकार नहीं बदल सकेगी फैसला...विधानसभा में लाएंगे लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

17 मार्च 2025 रायपुर :- छत्तीसगढ़ में जल्द ही मीसा बंदी कानून लागू होगा। खास बात ये है कि यह कानून बनाने के लिए राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक भी तैयार किया है। इस विधेयक को पहले ही कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। अब विधानसभा में पेश करके अधिनियम को मंजूरी दिलाई जाएगी। यह कानून बन जाने के बाद राज्य के मीसा बंदियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं समायोजित की जाएंगी, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण ये है कि एक बार ये कानून बन जाने के बाद सरकार बदलने पर भी इसे बदला नहीं जा सकेगा। 

25 जून 1975 की आधी रात देशभर में एक अध्यादेश के बाद आपातकाल लगा दिया गया था। इस दौरान संविधान के अनुसार दिए गए नागरिक अधिकारों को निलंबित किया गया था। बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून समाप्त कर दिया गया, जिसके बाद गिरफ्तार व्यक्ति को अदालत में 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत करने का नियम शिथिल हो गया। कांग्रेस शासित राज्यों के मीसा कानून में एक लाख सत्ता विरोधी जेल में डाल दिए गए। राज्य में भी उन दिनों कांग्रेस की सरकार थी। मीसा का पूरा विवरण बताया गया कि मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट। इसमें की गई गिरफ्तारी को अदालत में चैलेंज भी नहीं किया जा सकता था। इस दौरान मीसा कानून के तहत बंदियों को मीसाबंदी कहा जाता है।

एमपी की तरह होगा यहां का कानून 

जानकार सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ में बनने वाला मीसाबंदी कानून, जिसे लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक के रूप में लाया जा रहा है, यह एमपी में बनाए गए कानून की तरह होगा। एमपी में वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2008 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम से सम्मान निधि नियम बनाया था। इसी के तहत मीसाबंदियों को सम्मान निधि प्रदान की जाती है। वर्ष 2016 को शिवराज सरकार ने नियमों में संशोधन कर मीसाबंदियों को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया।

अब कोई नहीं बदल सकेगा फैसला

मीसाबंदी कानून बन जाने के बाद राज्य में किसी की भी सरकार आए, इस कानून को नहीं बदला जा सकेगा। इस संबंध में लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि हमने नया अधिनियम बनाने के लिए सरकार को एमपी के कानून का प्रारुप दिया है। काफी लंबे समय से इस कानून के बनने का इंतजार किया जा रहा था, लेकिन मामला लंबित था। अब सरकार इस दिशा में जो कदम उठा रही है, वह स्वागतेय है।

कांग्रेस सरकार ने रोकी थी सम्मान निधि 

मीसा बंदियों को राज्य में पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान सम्मान निधि दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन 2018 में आई राज्य की कांग्रेस सरकार ने आते ही इस निधि को समाप्त करने का फैसला किया था। इसके बाद जब यह मामला हाईकोर्ट में गया तो वहां सरकार का फैसला पटल गया था। इसके बाद फिर सम्मान निधि बहाल हुई। उधर मप्र की बात करें तो वहां पहले ही शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मीसा बंदी कानून बना दिया था।  लेकिन 2018 के चुनाव के बाद जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आई तो उसने भी इस पर रोक लगा थी, लेकिन जब मामला हाईकोर्ट में गया तो वहां भी सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा था।